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365 रानियों वाला वो 'रंगीन मिजाज' राजा | Bhupinder Singh of Patiala In Hindi

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हमारे भारत देश में ऐसे कई राजा-महाराजा हुए हैं, जो किसी न किसी वजह से मशहूर हैं। ऐसे ही एक राजा थे पंजाब के पटियाला रियासत के महाराजा भूपिंदर सिंह, भूपिंदर सिंह (Bhupinder Singh of Patiala) एक रंगीन मिजाजी राजा थे, जिनकी रंगीन मिजाजी के किस्से तो पूरी दुनिया में मशहूर हैं।

महाराजा भूपिंदर सिंह (Bhupinder Singh of Patiala In Hindi) का जन्म 12 अक्तूबर 1891 हुआ था। 1891 को जन्मे भूपिंदर सिंह 8 नवंबर 1900 को महज 9 साल की उम्र में ही राजा बन गए थे। हालांकि महाराजा भूपिंदर सिंह जब 18 साल के हुए, तब उन्होंने अपना कार्यभार संभाला था और पटियाला पर करीब 38 सालों तक राज किया। 


आइए आज के इस लेख के माध्यम से जानते हैं महाराजा भूपिंदर सिंह की जिंदगी के बारे में कुछ रोचक बातें, जो आपको हैरान कर सकती हैं....Bhupinder Singh of Patiala About In Hindi

महाराजा भूपिंदर सिंह किस तरह के रंगीन मिजाजी थे, उनका जिक्र दीवान जरमनी दास ने अपनी किताब 'महाराजा' में विस्तार से किया है। दीवान जरमनी दास के मुताबिक, राजा भूपिंदर सिंह ने पटियाला में 'लीला-भवन' या रंगरलियों का महल बनवाया था, इस लीला भवन की अपनी ही खासियत थी। 
इस भवन में सिर्फ बिना कपड़ों के ही लोगों को एंट्री मिलती थी। यह लीला भवन या रंगरलियों का महल पटियाला शहर में भूपेंदरनगर जाने वाली सड़क पर बाहरदरी बाग के करीब बना हआ है। 

दीवान जरमनी दास के अनुसार, इस महल में एक खास कमरा है, जो 'प्रेम मंदिर' कहलाता था। और वो कमरा महाराजा भूपिंदर सिंह के लिए रिजर्व (आरक्षित) था, यानी महल के उस कमरे में उनके अलावा और कोई नहीं आ-जा सकता था, बिना उनकी इजाजत के।


लीला भवन के इस कमरे में राजा भूपिंदर सिंह के भोग-विलास का पूरा इंतजाम रहता था। उनके इस महल के अंदर एक बड़ा सा तालाब भी था, जिसे आज की भाषा में स्विमिंग पूल कह सकते हैं, उस स्विमिंग पूल में एक साथ करीब 150 लोगों के नहाने की व्यवस्था थी।

राजा अक्सर इस महल में पार्टियां दिया करते थे। इस पार्टी में राजा भुपिंदर सिंह सिर्फ अपनी चहेतियों और प्रेमिकाओं को बुलाते थे। इसके अलावा महाराजा के कुछ खास लोग भी इन पार्टियों में शामिल होते थे। ये लोग इस महल के तालाब में खूब नहाते-तैरते और यहां 'अय्याशी' करते थे। 

इतिहासकारों के अनुसार, पटियाला के महाराजा भूपिंदर सिंह की 10 पत्नियों समेत कुल 365 रानियां थीं। उनके इन सभी रानियों के लिए पटियाला में भव्य महल बनाए गए थे।


इन महलों में सभी रानियों के स्वास्थ्य की जांच के लिए हर समय चिकित्सा विशेषज्ञों की एक टीम भी मौजूद रहती थी। दीवान जरमनी दास के मुताबिक, महाराजा की 10 पत्नियों से लगभग 83 बच्चे हुए थे, इन बच्चों में से सिर्फ 53 बच्चे ही जिंदा रह पाए थे। 

ऐसा कहा जाता हैं कि महाराजा भूपिंदर सिंह के महल में हर रोज 365 लालटेनें जलाई जाती थीं और हर लालटेन पर उनकी 365 रानियों के नाम लिखे होते थे। इन सभी लालटेनों में से जो लालटेन सुबह पहले बुझती थी, राजा उस लालटेन पर लिखे रानी के नाम को पढ़ते थे और फिर उसी के साथ वो रात गुजारते थे। 

अपने रंगीन मिजाजी के अलावा पटियाला के महाराजा भूपिंदर सिंह और भी कई चीजों के लिए दुनियाभर में मशहूर थे। महाराजा भूपिंदर सिंह के पास विश्व प्रसिद्ध 'पटियाला हार' था, जिसे आभूषण बनाने वाली मशहूर कंपनी कार्टियर ने बनाया था। इस पटियाला हार के बारे में कहा जाता है कि इसमें करीब 2900 से अधिक हीरे और कीमती रत्न जड़े हुए थे।


महाराजा भूपिंदर सिंह के उस हार में उस समय का दुनिया का सातवां सबसे बड़ा हीरा जड़ा था। उस हार के बारे में कहा जाता है कि वर्ष 1948 के आसपास पटियाला के शाही खजाने से यह बेशकीमती हार गायब हो गया था और कई वर्षों के बाद उस हार के अलग-अलग हिस्से कई जगहों पर मिले थे। 

शायद आपको ये पता न हो कि हम सभी जो पटियाला पैग के बारे में जानते है, वह मशहूर पटियाला पैग भी महाराजा भूपिंदर सिंह की ही देन है। ऐसा कहा जाता  हैं कि महाराजा भूपिंदर सिंह (Bhupinder Singh of Patiala Rolls Royce) के पास 44 रॉल्स रॉयस कारें थीं, जिनमें से 20 कारों का काफिला रोजमर्रा के कामों में इस्तेमाल होता था।

आपको ये जानकर हैरानी होगी कि महाराजा भूपिंदर सिंह भारत के पहले ऐसे व्यक्ति थे, जिनके पास अपना खुद का विमान था, इस विमान को उन्होंने वर्ष 1910 में ब्रिटेन से खरीदा था। अपने इस विमान के लिए उन्होंने पटियाला में हवाई पट्टी भी बनवाई थी।


Note: मैं उम्मीद करता हूँ कि आपलोगों को आज का ये लेख महाराजा भूपिंदर सिंह के बारे में जानकारी पसंद आया होगा। ये लेख अगर आपको पसंद आया है तो आप इसे अधिक से अधिक लोगों के बीच शेयर करे और ऐसे ही और मजेदार लेख पाने के लिए कमेंट सेक्शन में कमेंट करें। धन्यवाद


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