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आग क्या है? सुरक्षा और सावधानियाँ | Fire About In Hindi

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आग क्या है? सुरक्षा और सावधनियाँ

आग क्या है? सुरक्षा और सावधानियाँ | Fire About In Hindi

आग क्या है? (What Is Fire)

आग वास्तव में एक प्रकार की तीव्र रासायनिक प्रक्रिया है, जिसमें कोई भी ज्वलनशील पदार्थ चाहे वह ठोस, द्रव्य या गैस हो उसे कहीं से इतना तापमान मिल जाए जो ज्वालनांक बिंदु तक पहुंच जाए। वायुमंडल में ऑक्सीजन की उपस्थिति में धुँआ, ताप तथा प्रकाश से कभी-कभी बिस्फोट उत्पन्न होते है, उसे आग कहते है।


आग दहनशील पदार्थों का तीव्र ऑक्सीकरण है, जिससे ऊष्मा, प्रकाश और अन्य अनेक रासायनिक प्रतिकारक उत्पाद जैसे कार्बन डाइऑक्साइड (Co2) और जल उत्पन्न होते है।

ऑक्सीकरण से उत्पन्न गैस आयनीकृत होकर प्लाज्मा पैदा करते है। सामान्य रूप में आग दाह पैदा करता है जिसमें भौतिक रूप से पदार्थों को क्षतिग्रस्त करने की क्षमता है।


परिचय (Introduction)

अग्नि रासायनिक दृष्टि से अग्नि जीवजनित पदार्थों के कार्बन तथा अन्य तत्वों का ऑक्सीजन से इस प्रकार का संयोग है कि गर्मी और प्रकाश उत्पन्न हो। भूमि में दबे अवशेषों से पता चलता है कि प्रायः पृथ्वी पर मनुष्य के प्रादुर्भाव काल से ही इसे अग्नि का ज्ञान था।


आज भी पृथ्वी पर बहूत सी जंगली जातियाँ है जिनकी सभ्यता एकदम प्रारंभिक है, परंतु ऐसी कोई जाति नही है जिसे अग्नि का ज्ञान न हो.


आग की उत्पत्ति (origin of fire)

आदिम मनुष्य ने पत्थरों को टकराने से उत्पन्न चिनगारियाँ को देखा होगा। अधिकांश विद्वानों का मत है कि मनुष्य ने सर्वप्रथम कड़े पत्थरों को एक-दूसरे पर मारकर अग्नि उत्पन्न की होगी।

फारस के प्रसिद्ध ग्रंथ शाहनामा के अनुसार हुसेन ने एक भयंकर सर्पाकार राक्षसी से युद्ध किया और इसे मारने के लिए उन्होंने एक बड़ा पत्थर फेंका। वह पत्थर उस राक्षस को न लगकर एक चट्टान से टकराकर चूर हो गया और इस प्रकार सर्वप्रथम अग्नि उत्पन्न हुई।


उतरी अमरीका की एक दंतकथा के अनुसार एक विशाल भैंसे के दौड़ने पर उसके खुरों से जो टक्कर पत्थरों पर लगी उससे चिंगारियाँ निकली। इन चिंगारियों से भयंकर दावानल भड़क उठा और इसी से सर्वप्रथम मनुष्य ने अग्नि ली। एक मत के अनुसार जंगलों में पेड़ों के रगड़ के कारण आग की उत्पत्ति हुई।


सतत अग्नि क्या है? (What is perpetual fire?)

अग्नि उत्पन्न करने में पहले साधारणतः इतनी कठिनाई पड़ती थी कि आदिकालीन मनुष्य एक बार उत्पन्न की हुई अग्नि को निरंतर प्रज्वलित करने की चेष्टा करता था।

वर्ष 1830 के बाद से दियासलाई का अविष्कार हो जाने के कारण अग्नि प्रज्वलित करने की प्रथा में शिथिलता आई। प्राचीन मनुष्य जंगली जानवरों को भगाने या उनसे सुरक्षित रहने के लिए अग्नि का उपयोग बराबर करता रहा होगा।


आग फैलने के सिद्धांत (fire spread theory)

तरल अथवा ठोस पदार्थ सीधे नही जलते, बल्कि अत्यधिक ताप के कारण इनसे गैस उत्पन्न होती है, और यही गैस ऑक्सीजन से मिलकर ज्वाला बनकर भड़क उठती है।


आग लगने से तापमान बढ़ जाता है और ईंधन अधिक गैस पैदा करता है। यह गैस ऑक्सीजन से मिलकर उग्र रूप धारण कर लेती है और आग निरंतर बढ़ती या फैलती जाती है। आग फैलने के चार सिद्धांत है-


1. संचालन विधि- स्टील गार्डर या लोहे के चादर द्वारा आग एक सिरे से दूसरे सिरे के पास स्थित सामग्रियों में फैल जाती हैं।

2. संवहन विधि- आग से निकलने वाले गर्म धुंए और हवा के कहीं ऊपर जाकर इक्कट्ठा होने एवं ज्वलनशील वस्तुओं के सम्पर्क में आ जाने से फैलती है,संवहन विधि कहलाती है।

3. विकिरण विधि- आग की ताप से पड़ोस में स्थित मकान आग का फैलना विकिरण विधि है। 

4. दहन विधि- भवन के विभिन्न भागों में जलती हुई आग उछल कर या उड़कर आसपास के मकानों को नुकसान पहुंचाने की विधि दहन विधि कहलाती हैं।


आग के स्तर (fire level)

1. शुरुआती स्तर- पदार्थ में उत्पन्न आग अदृश्य होती है। आग के इस स्तर पर धुँआ, ज्वाला या गर्मी दिखाई नही देती। उसे आग का शुरुआती स्तर कहते हैं।

2. जवाला रहित ज्वलन स्तर- इस स्तर पर जलने वाले पदार्थ धुँए के रूप में दिखाई देतें है।

3. ज्वलन स्तर- इसमे वास्तविक आग ज्वाला उठना शुरू होता है, लेकिन ज्यादा ताप या ऊष्मा नही होती।

4. गर्म स्तर- इसमे अनियंत्रित ऊष्मा पैदा होती है, जिसका वायु के आसपास के क्षेत्रों में विकिरण होता है।


आग से सुरक्षा हेतु आवश्यक सावधानियाँ तथा आग बुझाना

  • आग बुझाने के लिए साधारणतः सबसे अच्छी रीति पानी उड़ेलना है। बालू या मिट्टी डालने से भी छोटी आग बुझ सकती है।
  • आरंभ में आग बुझाना सरल होता है। आग बढ़ जाने पर उसे बुझाना कठिन हो जाता है।
  • प्रारंभिक आग को बुझाने के लिए यंत्र मिलते है। आग लगने पर तुरंत अग्निदल को सूचना भेजनी चाहिए और तुरंत स्पष्ट शब्दों में बताना चाहिए कि आग कहाँ लगी है।


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