अरुण ग्रह हमारे सौरमंडल में सूर्य से सातवां ग्रह है। व्यास के आधार पर यह सौरमंडल का तीसरा बड़ा और द्रव्यमान के आधार पर चौथा बड़ा ग्रह है। द्रव्यमान में यह पृथ्वी से 18.5 गुना अधिक भारी और आकार में पृथ्वी से 63 गुना अधिक बड़ा है।
पृथ्वी पर पत्थर और अन्य पदार्थ अधिक प्रतिशत में है जबकि अरुण ग्रह पर गैस अधिक है। इसलिए पृथ्वी से 63 गुना बड़ा आकार रखने के बाद भी यह पृथ्वी से केवल साढ़े 14 गुना भारी है।
अरुण ग्रह इतना दूर है और इतनी मध्यम रोशनी का प्रतीत होता है कि प्राचीन विद्वानों ने कभी भी इसे ग्रह का दर्जा नहीं दिया और इसे एक टिमटिमाता तारा ही समझा। विलियम हर्शल ने इसकी खोज 13 मार्च 1871 को की। अरुण ग्रह दूरबीन द्वारा पाए जाने वाला पहला ग्रह था। हमारे सौरमंडल में चार ग्रहों को गैस दानव कहा जाता है, अरुण इनमें से एक है- बाकी तीन- बृहस्पति, शनि और वरुण है।
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बृहस्पति और शनि की तुलना में अरुण और वरुण के वातावरण में बर्फ़ अधिक है- पानी की बर्फ के अतिरिक्त इनमें जमी हुई अमोनिया और मिथेन गैसों की बर्फ़ भी है। कभी-कभी खबर खगोलशास्त्री इन दोनों को "बर्फीले गैस दानव" नाम की श्रेणी में डाल देते हैं।
सौर मंडल के सारे ग्रहों में से अरुण का वायुमंडल सबसे ठंडा पाया गया है और इसका ताप न्यूनतम - 49 केल्विन (K) (यानी -228 डिग्री सेल्सियस) देखा गया है।
यूरेनस के बादलों में कई तहे देखी गई है ऐसा मानना है कि सबसे नीचे पानी के बादल है और सबसे ऊपर मिथेन गैस के बादल।
अरुण ग्रह की रूपरेखा
यूरेनस प्लेनेट की सूर्य से दूरी 287 करोड 6 लाख 58 हजार 186 किलोमीटर है। यूरेनस प्लेनेट के ज्ञात उपग्रह 27 है। अरुण का द्रव्यमान 86,81,030 अरब किलोग्राम है। यूरेनस प्लेनेट का भूमध्यरेखीये व्यास 51,118 किलोमीटर और ध्रुवीय व्यास 49,964 किलोमीटर है।
इसकी भूमध्य रेखा की लंबाई 159,354 किलोमीटर है। यूरेनस प्लेनेट का एक वर्ष धरती के 84.2 वर्ष या 30,685.15 दिन के बराबर है। इसकी सतह का तापमान -197 डिग्री सेल्सियस है।
अरुण का कक्षा और घूर्णन
अरुण ग्रह प्रत्येक 6 पृथ्वी वर्षों में सूर्य का एक चक्कर लगाता है। सूर्य से अरुण की औसत दूरी 3 अरब किलोमीटर(20BCE) है। अरुण ग्रह पर सूर्य प्रकाश की तीव्रता पृथ्वी पर की तुलना में लगभग 1/1700 है। इससे पहले अरुण के कक्षीय तत्वों की गणना 1783 में पियरे-सीमोन-लाप्लास द्वारा की गई थी।
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समय के साथ अवलोकित कक्षाओं के बीच विसंगतियां नजर आनी शुरू हो गई और 1841 में जॉन काउच एडम्स ने सबसे पहले इसे प्रस्तावित किया कि यह अंतर किसी अदृश्य ग्रह के गुरुत्वाकर्षण के कारण हो सकता है।
1845 में उबैन ली वेर्रिएर ने अरुण की कक्षा पर अपना स्वतंत्र अनुसंधान शुरू किया। 23 सितंबर 1846 को जोहान गोटफाइट गाले ने एक नया ग्रह खोजा,बाद में इसका नाम नेप्चून रखा। यूरेनस के भीतर की घूर्णन गति 17 घंटा 14 मिनट है।
सभी महाकाय ग्रहों की तरह, इसका ऊपरी वायुमंडल भी घूर्णन की दिशा में बहुत शक्तिशाली हवाओं को महसूस करती है। वातावरण की दृश्य आकृतियां बहुत तेजी से चलती है और छोटे से छोटा 14 घंटों की एक घूर्णन बनाती हैं।
Uranus Planet का अक्षीय झुकाव
अरुण ग्रह का अक्षीय झुकाव 97.77 डिग्री है। इसकी घूर्णन धुरी सौरमंडल तल के साथ करीब-करीब समानांतर है। अन्य ग्रह सौरमंडल तल पर डोलते लट्टुओं की तरह घूमते हुए देखे जा सकते हैं, जबकि अरुण एक डोलती लुढ़कती गेंद की तरह पीरभ्रमण करता है।
अरुण अपने अक्ष पर लगभग 83 डिग्री झुका हुआ है जिससे यह लेटा हुआ दिखाई देता है इसलिए इसे 'लेटा हुआ ग्रह' भी कहा जाता है।
अरुण संक्रांति के समय के आसपास एक ध्रुव लगातार सूर्य के सामने रहता है जबकि दूसरा ध्रुव परे रहता है।
केवल भूमध्य रेखा के आसपास का संकरा पट्टा द्रुत दिन-रात के चक्रों को महसूस करता है, लेकिन क्षितिज पर बहुत नीचे सूर्य के साथ-साथ जिस तरह से धरती के ध्रुवीय क्षेत्रों में होता है। अरुण की कक्षा के दूसरी तरफ सूर्य के सामने के ध्रुवों का अभिविन्यास उलट है।
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प्रत्येक ध्रुव 42 वर्षों के आसपास लगातार उजाला पाता है और फिर अगले 42 वर्ष अंधेरे में गुजारता है। विषुवों के समय के आस-पास सूर्य अरुण के विषुववृत के सामने होता है और दिन रात के चक्रों की एक समयावधि देता है,उसी तरह जैसी वह अन्य ग्रहों में देखी गई है। अरुण अपने सबसे हाल के विषुव पर 7 दिसंबर 2007 को पहुंचा था।
वर्ष के औसत काल में अरुण के ध्रुवीय क्षेत्र इसके भूमध्यरेखीय क्षेत्रों की तुलना में सूर्य से निवेशित ऊर्जा का वृहत्तर हिस्सा प्राप्त करती है।
अरुण के असामान्य ध्रुवीय झुकाव का कारण भी निश्चितता के साथ ज्ञात नहीं है,लेकिन हमेशा की तरह अटकलें यह है की सौरमंडल निर्माण के दौरान,एक पृथ्वी के आकार का आदिग्रह यूरेनस के साथ टकराया और इस विषम अभिविन्यास का कारण बना।
यूरेनस प्लेनेट की दृश्यता
सन 1994 से 2006 तक अरुण (यूरेनस) का आभासी परिभ्रमण +5.6 और +5.9 के मध्य घटता बढ़ता रहा; नग्न आंखों की दृश्यता की सीमा के ठीक भीतर या अंदर रखने पर परिमाण +6.5 का होता है।
इसका कोणीय व्यास 3.4 और 3.7 आर्क सेकंड है, तुलना के लिए शनि ग्रह (Saturn Planet) के लिए 16 से 20 आर्क सेकंड और बृहस्पति के लिए 32 से 45 आर्क सेकंड है।
विमुखता पर,अरुण रात के समय आकाश में नग्न आंखों से दिखता है,और दूरबीन के साथ शहरी परिवेश में भी एक आसान लक्ष्य बन जाता है। यहां तक कि कुछ बड़े उपग्रहों को जैसे कि टाइटेनिया और ओबेरोन को देख सकते हैं।
अरुण ग्रह की आंतरिक संरचना
अरुण (Uranus) का द्रव्यमान पृथ्वी की तुलना में 14.5 गुना है जो वृहादाकार ग्रहों में सबसे कम है। इसकी त्रिज्या वरुण की तुलना में थोड़ी सी अधिक और पृथ्वी की त्रिज्या की चार गुना है।
नतीजन 1.27 ग्राम/सेंटीमीटर३ का घनत्व अरूण को शनि के बाद सबसे कम घना ग्रह बनाता है। यह मान इंगित करता है कि यह मुख्य रूप से विभिन्न प्रकार के बर्फ़ों से बना है, जैसे कि जल, अमोनिया और मीथेन।
अरुण के आंतरिक भाग में बर्फ की समग्र मात्रा ठीक से ज्ञात नही है,मॉडल के चुनाव के हिसाब से भिन्न-भिन्न उभड़कर सामने आते हैं,यह पृथ्वी के द्रव्यमान के 9.3 और 13.5 के मध्य होना चाहिए। हाइड्रोजन और हीलियम समग्र का सिर्फ एक छोटा सा हिस्सा बनाते हैं। बाकी गैर बर्फ़ की मात्रा चट्टानी सामग्री से बनी है।
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इस ग्रह की संरचना का मानक मॉडल यह है कि यह ग्रह तीन परतों से बना है। (सिलिकेट/लोहा-निकल) इसके केंद्र में एक चट्टानी कोर, मध्य में एक बर्फीला मेंटल और एक बाहरी गैसीय (हाइड्रोजन/हीलियम) छिलका।
कोर 0.55 पृथ्वी द्रव्यमान के साथ अपेक्षाकृत छोटा है और त्रिज्या और उनकी 20% त्रिज्या से कम है, मेंटल 13.4 पृथ्वी द्रव्यमान के साथ ग्रह की एक बड़ी राशि शामिल करता है जबकि ऊपरी वायुमंडल 0.5 पृथ्वी द्रव्यमान की तौल के साथ तुलनात्मक रूप से अवास्तविक है और अरुण के अंतिम या आखिरी किनारे की 20% त्रिज्या पर विस्तारित हौ।
यूरेनस की कोर का घनत्व 9 ग्राम/सेंटीमीटर३ के आसपास है, केंद्र में 80 लाख बार का दबाव और लगभग 5000 केल्विन(K) का तापमान है।
बर्फ मेंटल बर्फ का बना हुआ नहीं है,बल्कि एक गर्म और घने तरल पदार्थ का है जो अमोनिया, पानी और अन्य वाष्पशील पदार्थों से मिलकर बना है। इस तरल पदार्थ के पास एक उच्च विद्युत चालकता है, जो कभी-कभी एक तरल-अमोनिया सागर कहलाता है।
अरुण की तरल पदार्थ युक्त आंतरिक संरचना का मतलब है कि इसकी कोई ठोस सतह नहीं है। इसकी विषुवतीय और ध्रुवीय त्रिज्या क्रमशः 25,559~+9 और 24,943~+ 20 किलोमीटर है।
Uranus का आंतरिक ताप
Uranus का आंतरिक ताप साफ तरीके से अन्य वृहदाकार ग्रहों की तुलना में कम जान पड़ता है, खगोल शब्दों में, इसके पास एक निम्न तापीय प्रवाह हैं. अरुण का आंतरिक तापमान इतना कम क्यों है यह अभी भी समझ से बिल्कुल पड़े हैं।
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वरुण जो आकार और संरचना में अरुण का दुगुना है, 2.61 गुना अधिक ऊर्जा आंतरिक में विकृत करता है जितना वह सूर्य से प्राप्त करता है। अरुण द्वारा अवरक्त वर्णक्रम (गर्मी) के भाग से छोड़ी गई कुल शक्ति उसके अपने वातावरण में अवशोषित सौर ऊर्जा की 1.06~+mn~0.08 गुना है।
असल मे अरुण ग्रह का तापीय प्रवाह सिर्फ 0.042~+mn~0.047 वॉट/m2 है, जो 0.075 वॉट/m2 के लगभग पृथ्वी के आंतरिक तापीय प्रवाह से कम है।
अरुण ग्रह के ट्रोपोपाउस में दर्ज हुआ न्यूनतम तापमान 49 केल्विन है जो अरुण ग्रह को सौरमंडल में सबसे ठंडा ग्रह बनाता है। इस विसंगति के लिए एक परिकल्पना सुझाव देती है कि जब अरुण एक विशालकाय प्रहारित निकार के द्वारा ठोका गया,अरुण की अधिकांश आद्य गर्मी के निष्कासन की वजह से बना, यह गर्मी एक खत्म हो चुके कोर तापमान के साथ छोड़ी गई थी। एक अन्य परिकल्पना यह है कि अरुण ग्रह के ऊपरी परत में किसी तरह का अवरोध मौजूद है जो कोर की गर्मी को सत्तह तक पहुंचने से रोकता है।
अरुण ग्रह का चुंबकीय क्षेत्र
वॉयेजर-2 अंतरिक्ष यान की पहुंच से पहले अरुण ग्रह के मैग्नेटोस्फेयर का कोई भी मापन नहीं लिया गया था इसलिए इसकी प्रकृति एक रहस्य बनी हुई है। सन 1986 से पहले खगोलविदों ने अरुण ग्रह के चुंबकीय क्षेत्र को सौर वायु की साथ की रेखा में होने की उम्मीद की थी इसके बाद इसका ग्रह के ध्रुवों के साथ मिलान हो गया था जो क्रांतिवृत में स्थित है।
वॉयेजर के अवलोकनों ने दर्शाया कि दो कारणों से अरुण ग्रह का चुंबकीय क्षेत्र विशिष्ट है, एक तो क्योंकि ग्रह के ज्यामितीय केंद्र से आरंभ नहीं होता है और दूसरा क्योंकि यह घूर्णी अक्ष से 59 डिग्री पर झुका हुआ है। असल में यह चुंबकीय द्विध्रुव ग्रह के केंद्र से दक्षिणी ध्रुव की तरफ ग्रहीय व्यास के अधिकतम एक तिहाई जितना खिसक गया है।
उच्च असममित्तीय मैग्नेटोस्फीयर में इस अप्रत्याशित ज्यामितीय परिणामस्वरुप, जहां दक्षिणी अर्धगोलार्ध की सतह पर चुंबकीय क्षेत्र का सामर्थ्य निम्नतम 0.1 गॉस हो सकता है, इसी तरह उत्तरी अर्धगोलार्ध में यह उच्चतम 1.1 गॉस हो सकता है। तुलना के लिए पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र मोटे तौर पर दोनों ध्रुव पर शक्तिशाली है और चुंबकीय भूमध्यरेखा मोटे तौर पर अपनी भौगोलिक भूमध्य रेखा के साथ समांतर है।
अरुण ग्रह के चंद्रमा
यूरेनस प्लेनेट के 27 उपग्रह है जिसमें प्रमुख हैं- मिरांडा, एरियल ओबेरॉन, टाइटेनिया, कौर्डेनिया, ओफेलिया आदि।
अरुण ग्रह के इन उपग्रहों के लिए नामों को शेक्सपियर और अलेक्जेंडर पोप की कृतियों के पात्रों से चुना गया है। यब यूरेनस उपग्रहीय प्रणाली गैस दानवों के मध्य सबसे कम बड़ी है सचमुच इन प्रमुख उपग्रहों का संयुक्त द्रव्यमान अकेले ट्राइटोन के आधे से भी कम होगा।
इन उपग्रहों में सबसे बड़े, टाइटेनिया की त्रिज्या मात्र 788.9 किलोमीटर या चांद के आधे से भी कम है लेकिन शनि ग्रह के दूसरे सबसे बड़े चांद 'रिया' से थोड़ी सी अधिक है जो टाइटेनिया को सौरमंडल में आठवां सबसे बड़ा चंद्रमा बनाता है।
इन चंद्रमाओं का अपेक्षाकृत निम्न एल्बिडो का विचरण अम्ब्रियल के लिए 0.20 से एरियल के लिए 0.35 है। यह चंद्रमा एक संपीड़ित बर्फ़ीली चट्टानें है जो मोटे तौर पर 50% बर्फ़ और 50% चट्टान से बनी है।
यह बर्फ अमोनिया और कार्बन डाइऑक्साइड को शामिल किए हो सकते हैं। इन उपग्रहों में से एरियल की सतह कुछ संघात के साथ नविकृत जान पड़ती है जबकि अम्ब्रियल की पुरानी दिखाई देती है।
अरुण ग्रह से जुड़े रोचक तथ्य
1. अरुण ग्रह की खोज जर्मन वैज्ञानिक विलियम हर्षल ने 13 मार्च 1781 को की थी।
2. अरुण ग्रह पर बादलों की अनेक पड़ते पाई जाती है। सबसे ऊपर मिथेन गैस पाई जाती है। अरुण ग्रह के केंद्र में बर्फ और पत्थर पाए जाते हैं. वैज्ञानिकों का मानना है कि अरुण ग्रह पर मीथेन गैस की अधिकता, तापमान और हवा के कारण हीरे की बारिश होती हो।
3. अरुण ग्रह का औसतन तापमान -224 डिग्री सेल्सियस है।
4. अरुण ग्रह सूर्य से करीब 287 करोड 6 लाख 58 हजार किलोमीटर दूर है।
5. अरुण ग्रह का नाम ग्रीक के देवता के नाम पर रखा गया है ऐसा माना जाता है कि अरुण शनि के पिता थे।
6. अरुण ग्रह का एक वर्ष (सूर्य के एक चक्कर लगाने में लगा समय) पृथ्वी के 84 साल के बराबर होता है।
7. अरुण ग्रह का एक दिन (अक्ष/धूरी पर चक्कर लगाने का समय) पृथ्वी के 17 घंटे 14 मिनट के बराबर होता है।
8. अरुण ग्रह भी शुक्र ग्रह की तरह पूर्व से पश्चिम की ओर घूमता है।
9. अरुण ग्रह अपने अक्ष पर इतना झुका हुआ है कि लेटा हुआ दिखाई देता है। इसलिए इसे "लेटा हुआ ग्रह" भी कहा जाता है।
10. अरुण ग्रह सूर्य की परिक्रमा करने में 84 साल का समय लगाता है और इसका घूर्णन काल 10 से 25 घंटे हैं।
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11. अरुण ग्रह तक सूर्य की किरणों को पहुंचने में 2 घंटे 40 मिनट लगता है जो पृथ्वी से 20 गुना अधिक हैं।
12. अरुण ग्रह का वजन 8.681*10^25 किलोग्राम है जो पृथ्वी के वजन से 14 गुना है।
13. अरुण ग्रह वैसे तो सबसे ठंडा ग्रह है लेकिन इस ग्रह पर गर्मी का मौसम 42 साल का होता है।
14. सौर मंडल में मौजूद अन्य गैस ग्रह की तरह अरुण ग्रह के पास भी 13 वलय हैं हालांकि इसकी वलय शनि ग्रह की तरह प्रकाशित नहीं है।
15. अरुण ग्रह का व्यास 51118 किलोमीटर है।
16. अरुण ग्रह की सूर्य से दूरी: 2,870,972,200 किलोमीटर है।
17. वॉयेजर-2 नामक अंतरिक्ष यान को अमेरिका ने 20 अगस्त 1977 में बाहरी ग्रहों के बारे में पता लगाने के लिए भेजा था जो 2 जनवरी 1986 में अरुण ग्रह पहुंचा था, इस यान ने 11 चंद्रमा की खोज की और अरुण के छल्ले की हजारों तस्वीरें भेजी थी।
18. अरुण ग्रह (Uranus) के नाम पर ही यूरेनियम पदार्थ का नाम रखा गया है।
19. Uranus का आधुनिक युग में telescope से खोजे जाने वाला पहला ग्रह है।
20. यूरेनस को "Ice Gaint" कहा जाता है क्योंकि यह मुख्य रूप से बर्फ का बना हुआ है और थोड़ी मात्रा में हीलियम, हाइड्रोजन और चट्टान से बना हुआ है। इसके वातावरण में 83% हाइड्रोजन, 15% हीलियम और 2% मिथेन गैस मौजूद है।
21. अरुण ग्रह की खोज अंटार्कटिका महाद्वीप से पहले हुई थी।
22. अरुण ग्रह इतना बड़ा है कि इसमें 63 पृथ्वी समा सकती है।
23. अरुण ग्रह पर हवाओं की रफ्तार कभी-कभी 900 किलोमीटर प्रति घंटे से भी ज्यादा रफ्तार पकड़ लेती है।
24. पृथ्वी की तुलना में अरुण ग्रह पर गुरुत्वाकर्षण बल कम है। यदि पृथ्वी पर कोई वस्तु 10 फीट की ऊंचाई पर उछलती है, तो अरुण ग्रह पर यह 11 फीट की ऊंचाई पर उछलेगी।
25. अगर पृथ्वी पर आपका वजन 100 किलोग्राम है, तो अरुण ग्रह पर आपका वजन 92 किलोग्राम होगा।
26. अरुण ग्रह का घनत्व 1.27 ग्राम/सेंटीमीटर३ है।
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