Fresh Article

Type Here to Get Search Results !

'वूलपिट के हरे बच्चों' का अनसुलझा रहस्य | Green Child Facts In Hindi

0
हमारी ये धरती जितना खूबसूरत है, उतनी ही रहस्यमय भी। समय-समय पर हमारी इस धरती पर कई ऐसे रहस्य उजागर हुए हैं, जो लोगों को काफी हैरान कर देते हैं। उन्हीं रहस्यों में से एक ऐसा ही रहस्य 'वूलपिट के हरे बच्चों' (Green Children Of Woolpit History) का है।

वूलपिट यह एक गांव है जो इंग्लैंड में है। वूलपिट की यह घटना 12वीं सदी की है, लेकिन किस वर्ष की है, इसके बारे में हमें कोई जानकारी नहीं है। ये घटना जब घटी उस समय इंग्लैंड पर राजा स्टीफन का शासन था। स्टीफन के शासनकाल में एक दिन वूलपिट में ऐसी घटना घटी, जो अब तक के सबसे अनसुलझे रहस्यों में से एक है। 


गर्मियों का मौसम था। लोग अपने-अपने खेतों में काम कर रहे थे। तभी अचानक गांववालों ने दो अजीब से दिखने वाले बच्चों को देखा। उन दोनों बच्चों में से एक लड़का था और एक लड़की। उन बच्चों की त्वचा का रंग हरा था जिसकी वजह से बच्चों को ग्रीन चिल्ड्रेन ऑफ वूलपिट (Green Children Of Woolpit) नाम दिया गया, क्योंकि वे वोल्फ यानी भेड़ियों को पकड़ने वाले गड्ढे से निकले थे और सबसे हैरानी की बात ये थी कि वो एक ऐसी भाषा बोल रहे थे, जो किसी को समझ में ही नहीं आ रही थी। इसके अलावा उन दोनों के पोशाक यानी कपड़े भी बिल्कुल अलग थे।  


आखिरकार गांववाले (Woolpit England) उन बच्चों को वहां के जमींदार Sir Richard de Calne के यहां ले गए। वहां बच्चों को खाना दिया गया, लेकिन उन दोनों ने वो खाना नहीं खाया बल्कि उन्हें वही पास में बीन्स का एक पौधा दिखा तो वो जाकर कच्चा बीन्स ही तोड़कर खाने लगे। काफी दिनों तक ऐसा ही चलता रहा। वो दोनों बच्चे सिर्फ कच्चा बीन्स ही खाते थे। 


हालांकि कुछ महीनों के बाद बच्चे थोड़ा-थोड़ा सामान्य खाना भी खाने लगे थे, लेकिन इसके बावजूद भी उनकी भाषा किसी को भी बिल्कुल समझ में नहीं आती थी। ऐसा कहा जाता हैं कि किसी कारणवश उन दोनों बच्चों में से लड़का बीमार रहने लगा और कुछ ही दिनों बाद उसकी मौत हो गई। हालांकि उस समय तक लड़की बिल्कुल ठीक थी। 


गांववालों (Woolpit Incident) के कथनानुसार समय के साथ-साथ लड़की की त्वचा का हरा रंग भी धीरे-धीरे गायब हो गया और वो भी सामान्य इंसानों की तरह दिखने लगे। साथ ही उसने अंग्रेजी भाषा बोलना भी सीख लिया। इसके बाद उसने अपनी हैरान करने वाली कहानी लोगों को बताई। उस लड़की ने बताया कि वो और उसका भाई (जो अब मर चुका था) सेंट मार्टिन नाम की एक जगह से आए थे, जो हमारी धरती के अंदर है।


वहां सूरज कभी नहीं चमकता था, सिर्फ धुंधली सी रौशनी रहती थी। उस लड़की ने यह भी बताया कि 'सेंट मार्टिन लैंड' (Where is Saint Martin's land) कहानी, ये तो कोई नहीं जानता, लेकिन वूलपिट के लोग इस घटना को बिल्कुल सच मानते हैं। तभी तो वूलपिट में लोहे का एक बोर्डनुमा खंभा लगाया गया है, जिसपर दोनों हरे बच्चों को दर्शाया गया है।  


आखिरकार वे बच्चे कौन थे और हरे रंग के क्यों थे? (Who Were The Green Children Of Woolpit) इसके पीछे काफी माथापच्ची हुई। कुछ लोगों का मानना था कि वे बच्चे बेल्जियन डच मूल के माता-पिता की संतानें होंगी, जो इंग्लैंड के राजा स्टीफन की बर्बरता के कारण मारी गई होंगी और उनके बच्चे बच गए होंगे और बच्चे जंगल में रहते रहे होंगे। इसी दौरान उन्होंने कच्ची बीन्स खाना शुरू कर दिया होगा।


हालांकि इसके बाद भी उन दोनों की अलग भाषा, जिसे सिर्फ वे दोनों ही समझते थे और गहरे हरे रंग के पीछे की कहानी आज तक समझ नही आई। ये चीजें रहस्य ही रहीं। बहुत सारे लोगों ने माना कि वे किसी दूसरे ग्रह से भटककर धरती पर आए बच्चे होंगे। हालांकि वूलपिट (Green Children Of Woolpit In 12th Century) के लोगों को आखिर तक बच्चों का रहस्य पता नहीं चल सका। इसके बाद भी बच्चों की याद में गांव की सीमा पर एक बोर्ड लगा हुआ है। लोहे के इस बोर्ड पर बच्चों की हरे रंग की तस्वीर है।


अब ये घटना हकीकत है या कोई कहानी, ये तो कोई नहीं जानता, लेकिन वूलपिट के लोग इस घटना को बिल्कुल सच मानते हैं।

नोट: अब आप लोग बताइये की इस जगह के बारे में आपकी राय क्या है। तथा क्या ये सच हो सकता है या अफवाह। जो भी हो वूलपिट (Mystery Of The Green Children Of Woolpit) ग्रामवासी इसे सच मानते है। इसके बारे में आपलोगों की क्या राय है कमेंट कर जरूर बताएं। धन्यवाद

Post a Comment

0 Comments