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Super Earth Exoplanet: वैज्ञानिकों ने खोज निकाला पृथ्वी से चार गुना बड़ा ग्रह | Scientist Found Super Earth In Hindi

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क्या पृथ्वी के अलावा इस Universe में और भी कहीं  जीवन है? ये एक ऐसा सवाल है जिसका जवाब आज तक वैज्ञानिक नहीं दे सके हैं। वैज्ञानिकों के पास बस इस सवाल से जुड़ी थ्योरी ही हैं। धरती के अलावा जीवन है या नहीं इसका जवाब अब तक नहीं मिला है, लेकिन वैज्ञानिकों ने अब पृथ्वी जैसे एक ग्रह पर इसके सुराग की तलाश की है। वैज्ञानिकों द्वारा सौर मंडल के बाहर पृथ्वी जैसे ग्रहों की तलाश की जा रही है, जों इंसानों का एक और घर बन सके।

वैज्ञानिकों को इस खोज में अब एक बड़ी कामयाबी मिली है। जापान के सुबारू टेलीस्कोप जिसे साल 2007 में शुरू किया गया था, उसने संभवतः पृथ्वी जैसा एक 'सुपर अर्थ' खोज निकाला है।

ये ग्रह पृथ्वी से 37 प्रकाश वर्ष दूर है। यह सुपर अर्थ  एक लाल बौने सितारे के पास है। ये एक ठोस ग्रह है, जिसका नाम रॉस 508b (Ross 508b in hindi) है। ये ग्रह पृथ्वी से चार गुना ज्यादा बड़ा है, जिस कारण वैज्ञानिक इसे सुपर अर्थ बता रहे हैं।


लेकिन सबसे अजीब बात ये है कि अगर हम किसी तरह इस रॉस 508b planet पर पहुंच जाएं तो हर 11वें दिन नया साल मनाएंगे। क्यों चौंक गए ना, ऐसा इसलिए क्योंकि ये ग्रह जिस बौने सितारे के चारों ओर घूम रहा है, उसकी कक्षा बहुत छोटी है। पृथ्वी के 11 दिन में ये ग्रह उस बौने सितारे के चारों ओर चक्कर लगा लेता है।

● अपने तारे से सिर्फ 50 लाख किमी दूर 

इन प्लेनेट के छोटे आकार होने का मतलब है कि उनका गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र (Gravitational Field) भी हमारे सूर्य की तरह विस्तृत नहीं है। Ross 508b अपने सितारे से सिर्फ 50 लाख किमी की दूरी पर घूम रहा है। 

इसे समझने के लिए अगर तुलना करें तो हमारे सौर मंडल में सूर्य के सबसे नजदीक का ग्रह बुध है, जो सूर्य से 60 मिलियन किमी दूर है। अपने सितारे के करीब होने के कारण ये सवाल भी उठता है कि भला ये ग्रह जीवन लायक कैसे माना जा सकता है? इसका जवाब है कि Ross 508b अपने सितारे के चारों ओर अंडाकार तरीके से घूमता है। यानी ये हमेशा अपने तारे के करीब नहीं होता। इसकी दूरी बदलती रहती है।

● अन्य तारों से ठंडे होते हैं बौने तारे

वैज्ञानिकों का मानना है कि इस तरह का ग्रह अपनी सतह पर पानी (Water) को बनाए रखने में सक्षम हो सकता है। पानी या जीवन इस ग्रह पर होगा या नहीं ये अभी गंभीर शोध का विषय है।


हमारी मिल्की वे यानी आकाशगंगा में तीन-चौथाई तारे सूर्य से छोटे लाल बौने हैं। सौरमंडल के पड़ोस में ये अच्छी खासी संख्या में हैं। अपने इन लक्षणों के कारण Ross 508b जीवन की खोज के लिए शुरुआती टार्गेट हैं। हालांकि लाल बौने सितारे अन्य तारों की तुलना में ठंडे होते हैं और कम दिखाई देने वाले प्रकाश का उत्सर्जन करते हैं, जिससे उसका अध्ययन चुनौतीपूर्ण होता है।


नोट: इस लेख के बारे में आपकी क्या राय है कमेंट कर जरूर बताएं।






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