जम्मू-कश्मीर के बारे में तो हम सभी जानते है। कश्मीर को पूरे भारत से जोड़ने के लिए जम्मू के रियासी में चिनाब नदी पर विश्व के सबसे ऊंचे रेलवे पुल (world's highest railway bridge) के निर्माण कार्य में जुटे इंजीनियरों ने इतिहास रच दिया है।
इन इंजीनियर्स ने तय समय में पुल की नींव के लिए आर्क (Ark) का निर्माण लगभग पूरा कर लिया है। जल्द उस पर लोहे का पुल बिछाने का काम शुरू हो जाएगा। कश्मीर में बनने वाला यह पुल 1400 करोड़ रूपये की लागत से तैयार होगा। इतना ही नहीं यह पुल नदी तल से 359 मीटर की ऊंचाई पर बन रहा है। इस पुल की ऊंचाई एफिल टावर (Eiffel tower) से भी 35 मीटर अधिक है।
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विश्व का सबसे ऊंचा रेल पुल (world's highest rail bridge) दिसंबर 2021 तक बनकर तैयार हो जाएगा। जम्मू बारामूला रेल सेक्शन (Jammu Baramulla Rail Section) में करीब 111 किलोमीटर लंबे कटड़ा-बनिहाल सेक्शन का निर्माण तेजी से चल रहा है। इस सेक्शन में 97.6 किलोमीटर टनल (tunnel) और पुल में से होकर गुजरना है। इसमें 85 किलोमीटर का निर्माण पूरा कर लिया है।
आपात स्थिति में प्रयोग में लाई जाने वाली 60.5 किलोमीटर लंबी escape tunnel बनाई जा रही है, जिसमें 53.50 किलोमीटर टनल का निर्माण पूरा हो गया है। वर्ष 2021-22 तक परियोजना पूरा हो जाएगा। पुल को सपोर्ट देने के लिए लगभग 96 केबलों का प्रयोग किया जा रहा है।
● सड़क बनाने का काम कर रहा भारतीय रेलवे (Indian Railway working on road construction) : कटड़ा बनिहान रेल सेक्शन (Katra Banihan Rail Section) में भारतीय रेलवे (indian railways) यहां सड़क बनाने का काम कर रही है। जिला रियासी और रामबन में कुल 205 किलोमीटर सड़क निर्माण का काम किया है।
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रेलमंत्री पीयूष गोयल (Railway Minister Piyush Goyal) ने हाल ही में जम्मू बारामुला रेल सेक्शन (Jammu Baramulla Rail Section) पर जारी निर्माण कार्यों पर संतोष व्यक्त किया था। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह प्रोजेक्ट तय समय में पूरा होगा। उन्होंने काफी कठिन परिस्थितियों में बन रही देश की महत्वाकांक्षी परियोजना बताया था।
● पर्यटकों के आकर्षण का एक केंद्र (a center of tourist attraction) : बनिहाल से बारामुला तक रेलवे लाइन पहले ही बिछाई जा चुकी है। इंजीरियरिंग का नायाब नमूना इलाके में पर्यटकों के आकर्षण का एक केंद्र बन सकता है। इस पुल से राज्य के आर्थिक (economic) विकास में भी तेजी आएगी और सैलानियों को भी परिवहन का एक बेहतर विकल्प मिल पाएगा।
● क्या होता है आर्क (What happens Ark?) : चिनाब पुल में ऐसी तकनीक व उपकरण इस्तेमाल किए जा रहे हैं, जो विश्व में अपनी तरह का प्रथम प्रयोग है। यह पहली बार है जब इतने ऊंचे पुल के निर्माण में अर्ध चंद्राकार (crescent moon) या मेहराब तकनीक (arch technique) यानी आर्क को आधार बनाया गया है। यह आर्क एक छोर को दूसरे से अर्ध चंद्राकार (crescent moon) में मिलाती है। आर्क के निर्माण के बाद अब ऊपर पुल फिर पटरी बिछेगी। पुल का एक छोर रियासी के कौड़ी तो दूसरा सिरा बक्कल में है।
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● क्या है पूल की खासियत? (What is special about the pool?) : हवा की रफ्तार 90 km/h से अधिक होते ही पुल में लगे सिग्नल लाल हो जाएंगे। पुल से गुजरने वाली ट्रेन रूक जाएगी। पुल में दो ट्रैक होंगे और 100 किलोमीटर की स्पीड से ट्रेनें इस पर चल सकती हैं। रोपवे लिफ्ट (ropeway lift) की सुविधा होगी। उसमें सेंसर लगाए जाएंगे। इसमें खराबी आने पर तुरंत पता चल जाएगा।
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आप सब का अनोखा ज्ञान पे बहुत बहुत स्वागत है.