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धरती फंसी है स्विस बुलबुले में 😲 | Earth Information In Hindi

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क्या आपलोगों को पता है कि हमारी धरती कहां है? अब आप सोचने मत बैठ जाइए... इसका जवाब आसान है सौर मंडल में. और सौरमंडल कहाँ है? तो सौर मंडल आकाशगंगा Milky Way में. मिल्की वे ब्रह्मांड (Universe In Hindi) का एक बेहद छोटा हिस्सा है.

लेकिन हमारी धरती एक ऐसे बुलबुले (Bubble) के बीच फंसी है जो दर्जनों तारों के विस्फोट के बाद बना है. इस बुलबुले को वैज्ञानिक 'स्विस चीज' (Swiss Cheese) कहते है। यह बुलबुला कई सुपरनोवा विस्फोट (supernova explosion) के बाद निकले गैसों और बादलों का समूह है.

हमारी धरती जिस 'स्विस चीज' (Swiss Cheese) बुलबुले के अंदर है, वह करीब 1000 प्रकाश वर्ष (1 light years) चौड़ा है. इस बुलबुले के अंदर कई बच्चे तारे हैं. यानी कुछ खत्म हुए तारों से निकली गैस के बीच धरती और कुछ नए छोटे तारे भी मौजूद हैं. शोधकर्ताओं (researchers) के अनुसार यह एक सुपर बुलबुला (Super bubble) है. यह सुपर बुलबुला कम से कम 15 ताकतवर तारों के विस्फोट के बाद बना है.


आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस बुलबुले के बारे में सबसे पहले साल 1970 में पता चला था. तब इसे स्थानीय बुलबुला (Local Bubble) नाम दिया गया था. क्योंकि तब वैज्ञानिकों (Scientist In Hindi) को यह लगा था कि इस बुलबुले के अंदर किसी तरह के 1.40 करोड़ साल से तारों का विस्फोट नहीं हुआ होगा. इस बुलबुले के बाहर तारों का विस्फोट हुआ होगा. या फिर तारे इस बुलबुले के अंदर से आ-जा रहे होंगे. जैसे-हमारा सूरज (Sun Facts In Hindi) इसके अंदर बाहर कहीं से आया है. 

हालांकि, तब भी यह माना जा रहा था कि इस 'स्विस चीज' (Swiss Cheese) बुलबुले के बनने में सुपरनोवा (Supernova) का हाथ है. इस बुलबुले के अंदर हाइड्रोजन (hydrogen) जैसी कई गैसें रही होंगी जिनकी वजह से तारों (Stars In Hindi) का निर्माण हुआ. लेकिन Nature Journal में 12 जनवरी 2022 को प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक यह कोई स्थानीय बुलबुला (Local Bubble) नहीं है.

वैज्ञानिकों ने इस बुलबुले के अंदर और बाहर के नक्शे को मिलाया. उसके अंदर-बाहर मौजूद सुपरनोवा (Supernova) का अध्ययन किया. इसके बाद पता चला कि हमारी आकाशगंगा (Milky Way) में ऐसे कई बुलबुले हैं, जो तारों का निर्माण (construction of stars) करते हैं. 

नासा (NASA) में हबल टेलिस्कोप (Bubble Telescope) टीम की सदस्य और मैरीलैंड स्थित स्पेस टेलिस्कोप साइंस इंस्टीट्यूट (Space Telescope Science Institute) की रिसर्चर कैथरीन जकर का कहना है कि जब हमने इस 'स्विस चीज' (Swiss Cheese) बुलबुले के अंदर और बाहर के तारों, ग्रहों, सुपरनोवा आदि का स्टडी किया तो पता चला कि पिछले 1000 सालों में इसके आसपास कई नए तारों का जन्म (birth of new stars) हुआ है. इसकी वजह से हमारी आकाशगंगा (Galaxy) में नया इतिहास बना है.


कैथरीन ने कहा कि यह बुलबुला किसी निश्चित आकार का नहीं है. बल्कि यह फैल रहा है. यह बुलबुला किसी एक विस्फोट से नही बना है. यह एक जेली जैसा ढांचा है, जो अलग-अलग दिशाओं में फैलता और हिलता रहता है. जब कोई ताकतवर सुपरनोवा विस्फोट (supernova explosion) होता है तो वह शॉक वेव (shock wave) पैदा करता है. इस शॉक वेव के साथ ही आस-पास की गैस, धूल एक घेरे में धीरे-धीरे अंतरिक्ष (Space) में फैलना शुरु करती हैं. जो बाद में अलग-अलग विस्फोट से निकले गैसों और धूल के गुबार (dust clouds) से मिलकर बुलबुला बना लेती हैं. 

लगातार हो रहे सुपरनोवा विस्फोट (supernova explosion in hindi) की वजह से ऐसे गुबार निकलते रहते हैं. शॉक वेव (shock wave) निकलती रहती है. जिससे बुलबुले का आकार फैलता रहता है. शोधकर्ताओं को इस बुलबुले से संबंधित डेटा यूरोपियन स्पेस एजेंसी (European Space Agency) यानी ESA के गाइया स्पेस ऑब्जरवेटरी (Gaia Space Observatory) से मिला. जिसके बाद उन्होंने इस बुलबुले का थ्रीडी नक्शा (3D Map) तैयार किया. बुलबुले की दीवारों उसकी लंबाई-चौड़ाई का अध्ययन किया गया. साथ ही उसके अंदर और बाहर की सरंचना को भी पढ़ा गया. 

कैथरीन ने कहा कि हम यह देखकर हैरान थे कि जब यह बुलबुला बनता है, तब यह कितनी तेजी से फैलता है. इसके फैलने का दर 6.5 किलोमीटर प्रति सेकेंड है. 'स्विस चीज' (Swiss Cheese) बुलबुला इतनी ही तेजी से फैल रहा है. अब आप ही सोचिए कि यह बुलबुला 23,400 Km/h की रफ्तार से फैल रहा है. इसकी गति कम ज्यादा होती रहती है. जैसे ही इसके अंदर कोई सुपरनोवा विस्फोट (supernova explosion facts in hindi) होता है, यह तेजी से फैलने लगता है. हमने अध्ययन करके पता लगाया कि इस बुलबुले को बनने में कम से कम 15 ताकतवर सुपरनोवा विस्फोट (supernova explosion hindi) की जरूरत पड़ी होगी. 

कैथरीन ने कहा कि हमारा सौरमंडल (Solar System In Hindi) अभी इस बुलबुले के अंदर है. धरती (Earth In Hindi) तो एकदम केंद्र में स्थित है. लेकिन सौरमंडल हमेशा इसके अंदर नहीं रहेगा. हमारा सौरमंडल इस बुलबुले को अगले 80 लाख साल में पार कर जाएगा. उस समय तक यह बुलबुला खत्म हो जाएगा. क्योंकि यह धीरे-धीरे स्थानीय बुलबुले (Local Bubble) में बदल जाएगा और खत्म हो जाएगा. 


स्थानीय बुलबुले (Local Bubble) एक समय के बाद फैलना बंद हो जाते हैं. क्योंकि वो अपनी अधिकतम सीमा तक पहुंच चुके होते हैं. इसके बाद इन बुलबुले का अंत शुरु हो जाता है. इसके बाद इनके गैस और धुएं के गुबार की दीवार टूटने लगती है. उसके बर्फ यह बुलबुला पूरी तरह से नष्ट हो जाएगा. हालांकि इस बुलबुले के अंदर रहने से हमारी धरती (earth facts in hindi) को कोई नुकसान नहीं है. 


नोट: आपलोगों को इस स्विस बुलबुले के बारे में क्या कहना है तथा हमारी धरती यानी पृथ्वी से जुड़ें कोई प्रश्न करने है तो कमेंट सेक्शन में करें। धन्यवाद...🙏🙏


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