हेलो दोस्तों आज हमलोग बातें करने वाले है बृहस्पति ग्रह के बारे में, बृहस्पति ग्रह से जुड़े 46 रोचक तथ्य के बारे में। तो चलिए शुरू करते है आज के इस लेख को.....
बृहस्पति ग्रह (Jupiter Planet in hindi) यह सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है। बृहस्पति ग्रह सूर्य से पांचवें स्थान वाला ग्रह है। बृहस्पति ग्रह को गैस दानव भी कहा जाता हैं।
गैस दानव ग्रह- इसके अंतर्गत वैसे ग्रह आते हैं जहां पर पदार्थ की मात्रा कम है और गैस अधिक मात्रा में पाई जाती है। बृहस्पति ग्रह वरुण ग्रह, शनि ग्रह और अरुण ग्रह की तरह एक गैसीय ग्रह है।
तो चलिए शुरू करते है बृहस्पति ग्रह से जुड़े रोचक तथ्यों के बारे में......
1. इसका द्रव्यमान: 18,98,130 खरब किलोग्राम (पृथ्वी से 317.83 गुना ज्यादा)।
2. भूमध्य रेखीय व्यास 1,42,984 किलोमीटर।
3. ध्रुवीय व्यास 1,33,709 किलोमीटर।
4. भूमध्य रेखा की लंबाई 4,39,264 किमी।
5. ज्ञात उपग्रह: 79
6. सूर्य से दूरी: 77 करोड़ 83 लाख 40 हजार 821 किमी या 5.2 AU
7. सूर्य से पृथ्वी की दूरी: 1 AU
8. सतह का औसतन तापमान: -108℃
9. बृहस्पति के वायुमंडल और सतह पर मुख्य रुप से हाइड्रोजन,हिलियम और अन्य तरल पदार्थ का विशाल भंडार है।
10. जूपिटर को गैसीय ग्रह की श्रेणी में रखा गया है।
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11. बृहस्पति का आंतरिक व्यास: 139,822 किमी।
12. ऐसा माना जाता है कि बृहस्पति ग्रह को सर्वप्रथम 7वीं या 8वीं शताब्दी ईसा पूर्व में बेबीलोन के द्वारा खोजा गया था।
13. बृहस्पति का द्रव्यमान पृथ्वी से 317.83 गुना ज्यादा है।
14. बृहस्पति अपने अक्ष (धूरी) का चक्कर 9 घंटे 55 मिनट में पूरी करता है।
15. बृहस्पति ग्रह 90% हाइड्रोजन,10% हीलियम और कुछ मात्रा में मीथेन,पानी,अमोनिया और चट्टानी गैसों से बना है।
16. बृहस्पति ग्रह को The Great Read Spot के लिए भी जाना जाता है; जिसकी खोज 17वी शताब्दी में की गई थी। यह विशालकाय रेड स्पॉट जुपिटर की सतह पर उठने वाली धूल भरी आंधी है।
> पिछले 350 सालों में इस ग्रह पर एक बवंडर चल रहा है जो बादलों से बना हुआ है।
> चित्र में देखने पर यह लाल धब्बे के रूप में नजर आता है और इसे जुपिटर की लाल आँख भी कहते हैं।
17. Jupiter को पृथ्वी से नंगी आंखों के द्वारा देखा जा सकता है।
18. जुपिटर ग्रह पर बादल का रंग नारंगी और भूरे रंग के होते हैं। क्योंकि यह अमोनिया क्रिस्टल और अमोनियम हाइड्रोसल्फाइट के बने होते हैं।
19. बृहस्पति के कुल 79 चंद्रमा में से 4 की खोज गैलीलियो गैलीली के द्वारा सन 1610 में की गई थी इनका आकार कुल 79 चंद्रमाओं में सबसे बड़ा है जिन्हें गैलीलियो उपग्रह के नाम से भी जाना जाता है।
20. गैनिमीड को 7 जनवरी 1610 में गैलिलियो द्वारा खोजा गया था।
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21. गैनिमिड चंद्रमा का व्यास 5262.4 किलोमीटर और द्रव्यमान 1.48*10^23kg है।
22. गैलीलियन उपग्रह - आयो, यूरोपा, गैनिमिड और कैलिस्टो आदि आते हैं।
23. बृहस्पति के कई क्षेत्रों में 360 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चलना आम बात है।
24. बृहस्पति के यूरोपा उपग्रह को काफी खास माना गया है,क्योंकि वैज्ञानिकों का मानना है कि यूरोपा पर एक विशाल पानी का समुंद्र है जिसकी गहराई 100 किलोमीटर से भी ज्यादा हो सकती है।
25. बृहस्पति का अध्ययन करने के लिए अब तक नासा ने कुल 8 अंतरिक्ष यानों का उपयोग किया है। जिन्हें 1979 से 2007 के बीच नासा द्वारा जुपिटर ग्रह की कक्षा में भेजा गया था। जिनके नाम क्रमशः पायोनियर 10, पायोनियर Saturn, वॉयजर 1, वॉयजर 2, Ulysses, गैलीलियो, कासीनी और न्यू होरीज़ोंस है।
26. कई प्राचीन सभ्यताएं इस ग्रह के बारे में जानती थी। रोमन के अनुसार बृहस्पति शनि ग्रह का बेटा है और देवताओं का राजा है। इसके अलावा रोमन जुपिटर को ओलंपस के सम्राट तथा रोमन साम्राज्य के रक्षक भी मानते थे।
27. हिंदू मान्यताओं के अनुसार बृहस्पति देवताओं का गुरु है।
28. जुपिटर का चुंबकीय क्षेत्र पृथ्वी की तुलना में 16 गुना ज्यादा है।
29. अपने शक्तिशाली गुरुत्वाकर्षण के कारण जूपिटर सौरमंडल के ग्रहों को बाहरी उल्काओं के हमले से बचाए रखता है; क्योंकि यह उन्हें अपनी तरफ खींच लेते हैं। जुपिटर को सौरमंडल का "वैक्यूम क्लीनर" कहा जाता है।
30. सूर्य, चंद्रमा और शुक्र के बाद बृहस्पति चौथा सबसे चमकीला पिंड है,जो पृथ्वी के आसमान से नजर आता है।
31. जुपिटर अपने विशाल आकार के कारण सूर्य की और 600,000 मिलियन मील से लेकर 2 मिलियन मिल के बीच के स्थान को प्रभावित करता है।
32. यह अपार चुंबकीय क्षेत्र अपने ध्रुवों पर शानदार Qurora बनाता है।
33. यूरोपा मून बृहस्पति के इस चंद्रमा पर वैज्ञानिकों का दावा है कि इस पर जीवन की संभावनाएं हो सकती है।
34. जुपिटर के वायु मंडल के पहले नमूने को 7 दिसंबर 1995 को नासा के गैलिलियो ऑर्बिटर द्वारा एकत्र किया गया था।
35. नासा के वैज्ञानिकों द्वारा जुपिटर ग्रह का उपरी वातावरण क्लाउड बेल्ट और जोन में विभाजित किया गया है, यह एरिया मुख्य रूप से अमोनिया, क्रिस्टल, सल्फर और दो यौगिकों से मिलकर बना है।
36. जुपिटर के चंद्रमाओं को Jovian उपग्रह भी कहा जाता है।
37. बृहस्पति ग्रह पर भी शनि ग्रह की तरह छल्ले बने हुए हैं।
38. बृहस्पति ग्रह के छल्ले मुख्य रूप से धूमकेतु और क्षुद्र ग्रहों के टुकड़े व धूल कण है जो बृहस्पति ग्रह के द्वारा अपने वायुमंडल से बाहर निकाले गए थे।
39. जुपिटर ग्रह के छल्ले क्लाउड टॉप से लगभग 92,000 किलोमीटर ऊपर से शुरू होता है और ग्रह से 225,000 किलोमीटर से अधिक तक फैला है।
40. बृहस्पति ग्रह का न्यूनतम तापमान: -148 डिग्री सेल्सियस तक चला जाता है।
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41. जुपिटर ग्रह के आंतरिक भाग में तीन क्षेत्र शामिल है-
पहली- एक चट्टानी कोर- यह ठोस तत्वों से बना है।
दूसरी- विद्युत प्रवाहकीय- तरल हाइड्रोजन की एक परत है।
तीसरी- हिलियम के साथ साधारण हाइड्रोजन होता है, जो ग्रह के वायुमंडल में संक्रमण करता है।
42. जूपिटर तक सूर्य के प्रकाश को पहुंचने में 43 मिनट लगते हैं।
43. जुपिटर प्लेनेट के पास सौरमंडल का सबसे बड़ा महासागर है जो पानी की बजाय तरल हाइड्रोजन से बना है।
44. जुपिटर का एक वर्ष पृथ्वी के 12 वर्ष के बराबर है।
45. जुपिटर ग्रह पृथ्वी की तुलना में 318 गुना अधिक भारी है।
46. जूपिटर को एक तारा बनने के लिए 65% और बड़ा होना पड़ेगा।
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