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क्या यह कुँआ वास्तव में पाताल और नागलोक को जाता है

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भारत के उत्तर प्रदेश की काशी (वाराणसी) को धर्मनगरी और शाश्वत नगर कहा जाता है लेकिन उसके साथ ही यहां के जगहों में रहस्यों की कमी नहीं है। काशी के नवापुरा में एक कुआं है, जिसके बारे में वहां के लोगों की मान्‍यता है कि इस कुँआ की अथाह गहराई पाताल और नागलोक तक जाती है।


★ इस कुएं की गहराई अब तक अज्ञात...

काशी (वाराणसी) के नवापुरा के इस स्थान को प्रचलित रूप में करकोटक नाग तीर्थ के नाम से जाना जाता है। इस जगह के बारे में यहां के लोगों का कहना हैं कि यहां एक कुँआ स्थित है, जिसकी गहराई कितनी है, इस बात की जानकारी अब तक किसी को भी नहीं है।


हिन्दू धर्मशास्‍त्रों के अनुसार इस कुएं के दर्शन मात्र से ही नागदंश के भय से मुक्‍ति मिल जाती है।
 

★ पाणिनी ने यहीं पे की थी महाभाष्य की रचना...

यहां के लोगों का ये भी कहना हैं कि इसी स्‍थान पर व्याकरणाचार्य पाणिनी ने महाभाष्य की रचना और  महर्षि पतंजलि ने पतंजलिसूत्र की रचना की थी। अगर किंवदंती को मानें तो इस कुएं का रास्ता सीधे पाताल से होते हुए नागलोक को जाता है।
 

★ कालसर्प दोष की पूजा...

इस कुएं के बारे में अनेक लोगों की मान्यताएं है कि इस कुएं के जल से स्नान और पूजा मात्र से ही पापों का नाश हो जाता है और उसके साथ ही नागदोष से मुक्ति भी मिल जाती है। ऐसा कहा जाता हैं कि पूरी दुनियाभर में कालसर्प दोष की पूजा सिर्फ तीन जगहों पर ही होती हैं और ये कुँआ उनमें से प्रथम स्थान पर है।
 

★ यहां होती है भगवान शिव की पूजा...

यहां के बारे में बताया जाता है कि यहां भगवान शिव का एक प्राचीन मंदिर है। और यहां पर भगवान शिव की पूजा नागेश के रूप में होती है। यही कारण है कि यहां स्थित भगवान शिव का मंदिर "करकोटक नागेश्वर" के नाम से प्रसिद्ध है।

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1 Comments
  1. Apake blog par daily kitane visitor ate hai
    Apaki earning kita ni hai

    ReplyDelete
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आप सब का अनोखा ज्ञान पे बहुत बहुत स्वागत है.