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Maha Shivratri (महाशिवरात्रि) | महाशिवरात्रि पर्व 2021

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महाशिवरात्रि पर्व इस पर्व के बारे में तो आपलोगों ने जरूर सुना होगा। इस पर्व को मनाने को लेकर कई कथाएं प्रचलित हैं। इन सब में सबसे प्रसिद्ध कथा के अनुसार महाशिवरात्रि का ये पर्व भगवान शिव और मां पार्वती के मिलन की रात के रूप में मनाया जाता है।


★ महाशिवरात्रि पर्व

पंचांग के अनुसार भगवान शिव का ये पर्व यानी महाशिवरात्रि का दिन बेहद ही खास होता है। क्योंकि महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। भगवान शिव की पूजा शिवरात्रि वैसे तो प्रत्येक मास आती है, लेकिन फाल्गुन महीने की चतुर्दशी को आने वाली भगवान शिव की महाशिवरात्रि के पर्व का विशेष महत्व माना जाता है। महाशिवरात्रि का पर्व यानी भगवान शिव और मां शक्ति के मिलन की रात का पर्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन व्रत पूजन करने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।

★ इस वर्ष महाशिवरात्रि का पर्व

इस साल महाशिवरात्रि का पावन पर्व 11 मार्च 2021 को मनाया जायेगा। इस महाशिवरात्रि के पर्व पर भगवान शिव के साथ मां पार्वती की पूजा भी की जाती है। इस दिन रात में पूजा करना सबसे फलदायी माना गया है। महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा विशेष सामग्रियों के साथ की जाती है।

★ पूजा में लगने वाले सामग्री

पूजा में लगने वाले सामग्री इस प्रकार है- पुष्प (फूल), बिल्वपत्र, भाँग, धतूरा, कपूर, धूप, दीपक, रूई, चंदन, पंच फल, पंच मेवा, पंच रस, गंध रोली, इत्र, मौली जनेऊ, बेर, जौ की बालें, गन्ने का रस, दही, देशी घी, शहद, आम्र मंजरी, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, गंगा जल, साफ जल भगवान शिव और माता पार्वती की श्रृंगार की सामग्री, वस्त्र और आभूषण, रत्न, पंच मिष्ठान्न, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, कुशासन आदि।

★ महाशिवरात्रि का पर्व क्यों मनाया जाता है?

महाशिवरात्रि का पर्व क्यों मनाया जाता है इस पर्व को लेकर कई कथाएं प्रचलित हैं। उन सब कथाओं में सबसे प्रसिद्ध कथा ये है कि इस महाशिवरात्रि के पर्व को सभी भगवान शिव और मां पार्वती के मिलन की रात के रूप में मनाते है। इस पर्व को लेकर मान्यता यह है कि इसी दिन माता पार्वती का विवाह भगवान शिव से हुआ था। महाशिवरात्रि के इस पर्व को लेकर एक मान्यता और भी है कि इसी दिन भगवान शिव 64 शिवलिंग के रूप में संसार में प्रकट हुए थे। उन 64 शिवलिंगों में से हमलोग सिर्फ 12 शिवलिंग को ही ढूंढ पाए। उन 12 शिवलिंगों को हमलोग 12 ज्योतिर्लिंग के नाम से जानते हैं।

★ महाशिवरात्रि की पूजा का मुहूर्त

महा शिवरात्रि 11 मार्च 2021 को बृहस्पतिवार के दिन है।

भगवान शिव की पूजा यानी महाशिवरात्रि की पूजा का सबसे शुभ मुहूर्त या समय 12:06 AM से 12:55 AM, 11 मार्च के 12 तक है।

★ महाशिवरात्रि की पूजा के अन्य शुभ मुहूर्त

महाशिवरात्रि पर्व का अन्य मुहूर्त

1. रात्रि प्रथम प्रहर पूजा 06:27 PM से लेकर 09:29 PM
2. रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा 09:29 PM से लेकर 12:31 AM तक यानी 12 मार्च 2021।
3. रात्रि तृतीय प्रहर पूजा 12 मार्च 2021 को 12:31 AM से 03:32 AM तक।
4. रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा 03:32 AM  से 06:34 AM तक।

● चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ 11 मार्च 2021 को 02:39 PM बजे से और समाप्ति 12 मार्च 2021 को 03:02 PM बजे को।

● 12 मार्च 2021 को शिवरात्रि व्रत पारण समय 06:34 AM से लेकर 03:02 PM तक।


★ शिवरात्रि और महाशिवरात्रि में क्या अंतर है?

श्रावण या सावन के महीने की चतुर्दशी तिथि के दिन को पड़ने वाली शिवरात्रि को धूमधाम से मनाया जाता है। लेकिन फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन को पड़ने वाली शिवरात्रि को महाशिवरात्रि कहा जाता है।....शिवपुराण के अनुसार, फाल्गुन मास यानी होली के महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि कहा जाता है।

Maha Shivratri (महाशिवरात्रि ) | महाशिवरात्रि पर्व 2021

★ महाशिवरात्रि का मतलब क्या है?

महाशिवरात्रि का मतलब ये है की प्रत्येक मास (महीने) को अमावस्या से पूर्व यानी पहले आने वाली रात को शिवरात्रि कहा जाता है। इस रात को महीने की सबसे अँधेरी गहरी रात होती है।

उत्तरायण के समय जब धरती (Earth) के उत्तरी गोलार्ध में सूरज (Sun) की गति उत्तर की ओर होती है, तो एक ख़ास शिवरात्रि को इंसान के शरीर में उर्जाएं (Energy) कुदरती तौर पर ऊपर की ओर जाती हैं। और इसी रात को महाशिवरात्रि कहा जाता है। यानी महाशिवरात्रि का पर्व.

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