मृत्यु जीवन का सबसे बड़ा सत्य है। जो भी इस भूलोक में जन्म लिया है उसे एक न एक दिन मरना ही पड़ता है। अगर आपलोग मानते हैं कि मृत्यु के बाद इंसान के शरीर की प्रक्रियाएं तुरंत बंद हो जाती हैं तो आप लोग गलत है। ये सच नही है बल्कि मौत के बाद शरीर के कई अंग लंबे समय तक सक्रिय रहते हैं।
इस नश्वर शरीर को लेकर माना जाता है कि मौत के बाद ये शरीर निर्जीव हो जाता है, लेकिन वास्तव में ऐसा है नहीं... शरीर के कई ऐसे अंग है जो मृत्यु के बाद भी काम करते रहते हैं। शरीर के कुछ अंग धीरे-धीरे काम करना बंद करते हैं तो कुछ अंग ऐसे भी है जो 24 घंटे से कहीं ज्यादा समय तक जिंदा रहते हैं।
विज्ञान के कई जानकार इस बात की ओर इशारा करते हैं। मृत्यु के बाद इंसान के शरीर के कई अंग जिंदा रहते है इस बारे में विज्ञान ने जो बातें बताई हैं, वो काफी चौंकाने वाली हैं। इस बारे में विज्ञान का मानना है कि चेतनायुक्त जीवन के खत्म होने के बाद भी शरीर के अव्यव नहीं मरते, शरीर के उन अवयवों का उपयोग किया जा सकता है। इसलिए मौत के बाद इंसान के शरीर के कई अंगों को दान किया जा सकता है और उन अंगों को जरूरतमंदों के शरीर में ट्रांसप्लांट किया जा सकता है।
शरीर के अंगों के बारे में ऐसा माना जाता है कि मौत से ठीक पहले अंग एक-एक कर काम करना बंद कर देते हैं। मौत का सबसे पहले श्वास प्रक्रिया पर प्रभाव पड़ता है। श्वास बंद होते ही दिल भी धड़कना बंद कर देता है। और उसके अगले पांच मिनट में शरीर के अंदर ऑक्सीजन की आपूर्ति भी बंद हो जाती है और शरीर की कोशिकाएं मरने लगती हैं।
मेडिकल भाषा में इस स्थिति को 'प्वाइंट ऑफ नो रिटर्न' कहते हैं। मेडिकल साइंस इस 'प्वाइंट ऑफ नो रिटर्न' को एक रहस्य ही मानती है। इंसान के शरीर का इस स्थिति में आने के बाद शरीर का तापमान प्रत्येक घंटे 1.5 डिग्री कम होता जाता है।
★ शरीर के त्वचा की कोशिकाएं 24 घंटे से अधिक समय तक जिंदा रहती हैं
आपलोग इस बात को मानें या ना मानें.. लेकिन इंसान के मरने के बाद भी उसके शरीर की त्वचा 24 घंटे से अधिक समय तक जिंदा रहती है। उन त्वचाओं को शरीर की कुछ कोशिकाएं जिंदा रखने का काम करती हैं। मृत्यु के बाद भी शरीर की वो त्वचाएँ हरकत में रहती हैं और खुद की मरम्मत का काम करती रहती हैं। शरीर को मरम्मत करने का काम खासकर स्टेम कोशिकाएं करती हैं। त्वचा को पुनः मरम्मत करने की ये स्थिति कई दिनों तक भी चल सकती है। ये प्रक्रियाएं केवल मानवीय शरीर में ही नहीं, बल्कि जानवरों के शरीर में भी होता है।
★ शरीर के कई अंग 6 घंटे से अधिक समय तक जिंदा रहता है
अगर कोई व्यक्ति अपने अंगों का दान करता है, तो उन अंगों को लेकर डॉक्टरों की कोशिश रहती है कि मौत के आधे घंटे बाद के अंदर ही शरीर से किडनी, लीवर और हृदय निकाल लिया जाए। वैसे भी शरीर के ये सभी अंग 6 घंटे तक जिंदा रहते हैं। शरीर के इन अंगों को लेकर ये माना जाता है कि इन अंगों को जिस भी शरीर में ट्रांसप्लांट करना हो, वो 6 घंटे के अंदर कर दिया जाना चाहिए।
★ मौत के बाद भी बढ़ते रहते हैं बाल और नाखून
इंसान के मरने के बाद भी उसके बाल और नाखून लंबे समय तक जिंदा रहते हैं। व्यक्ति के मृत्यु के बाद भी बाल और नाखून खुद व खुद बढ़ते रहते हैं। इसलिए मृत्यु के बाद कुछ लोगों के चेहरे पर दाढी बढ़ जाती है। हालांकि ऐसा हर किसी व्यक्ति के केस में हो ये जरूरी नही।
★ मौत के बाद भी शरीर की कुछ प्रक्रियाएं चलती रहती हैं
आपलोगों को बेशक ही ये बात काफी अटपटी लगे, लेकिन अक्सर मृत शरीर से मूत्र बाहर आता रहता है। मृत व्यक्ति के शरीर से ब्लाडर खुद को खाली करता है। यही वजह है कुछ मृत शरीर थोड़े समय बाद गीले हो जाते हैं।
★ मृत शरीर की जींस हरकत में रहती हैं
शरीर के जींस को लेकर शोधकर्ताओं ने यह पाया की इंसान की मौत के बाद भी उनके जींस हरकत में रहती हैं। बल्कि शोध में ये भी देखा गया कि मौत के बाद DNA ज्यादा एक्टिव हो जाती हैं और ज्यादा प्रोटींस बनाने लगती हैं।
★ शरीर की पाचन क्रिया चलती रहती है
व्यक्ति की मृत्यु के तुरंत बाद उसके शरीर में मौजूद फ्रेंडली बैक्टीरिया अपना काम करती रहती हैं। ये बैक्ट्रिया खाने के पाचन का काम करते रहते हैं। एमिनो एसिड के कारण मृत शरीर से फाउल स्मेलिंग भी आ सकती है। इसलिए मौत के बाद इंसान के नाक और मुंह को रुई से कवर कर दिया जाता है।
★ मौत के बाद भी रहता है ब्रेन एक्टिव
मृत्यु के बाद जब व्यक्ति का हृदय धड़कना बंद कर देता है, तो इसके कुछ मिनट बाद तक उस व्यक्ति का ब्रेन सक्रिय रह सकता है। इसलिए मौत के बाद कभी-कभी वो लोग जो फिर से जिंदा हो जाते हैं तो वो व्यक्ति ये बाते बताने की स्थिति में रहते हैं कि उस अवस्था में उनके साथ क्या हुआ या उन्होंने क्या महसूस किया।
★ मांसपेशियां भी हरकत करती हैं
अगर आपलोग ये सोचते हैं कि मौत के बाद मृत शरीर एकदम निष्क्रिय हो जाती है, उस शरीर में कोई हरकत नहीं होती तो ये शायद सही नहीं होगा। इस बात को लेकर कुछ रिपोर्ट्स का कहना है कि दिमाग के काम करना बंद करने के बाद भी उस व्यक्ति के शरीर का नर्वस सिस्टम अपना काम बंद करने में कुछ समय ले ही लेता है।
इसलिए कई बार मृत शरीर की मांसपेशियां फड़कती हुई या हरकत करती नजर आती है। येल यूनिवर्सिटी की एक शोध बताती है कि मौत के बाद उस मृत शरीर की मांसपेशियां ठीक उसी तरह काम करती हैं, जैसे वो व्यक्ति जिंदा रहने पर करता हैं। हां, जब शरीर में खून का बढ़ाव रुक जाता है और सांस प्रणाली पूरी तरह ठप पड़ जाती है, तब उस शरीर की मांसपेशियां जकड़ जाती हैं।
★ इस बारे में क्या कहते हैं भारतीय विद्वान
वैसे भी इस बात को लेकर भारतीय विद्वान और संत भी इस ओर इशारा कर चुके हैं। स्वामी अभेदानंद जी अपनी किताब "लाइफ बियांड डेथ" में लिखते हैं, की चेतन जीवन की मृत्यु का मतलब क्या शारीरिक अव्यवों की मृत्यु से लगाया जा सकता है। दूसरे शब्दों में अगर कहें तो जब एक व्यक्ति की मृत्यु होती है, तो क्या इसका मतलब ये लगाया जाए कि उसके शरीर के अव्यव भी मर गए?
स्वामी अभेदानंद जी अपनी किताब में इसके कई उदाहरण देते हैं, लेकिन उन्होंने एक उदाहरण खासतौर पर दिए हुए हैं, उनका कहना है कि अगर किसी मुर्गे का सिर काटा जाता है, तब भी उसके मरने के बाद उस मुर्गे का शरीर लंबे समय तक जीवित रहता है।
ऐसे रिसर्च को लेकर अमेरिका के रॉकफेलर इंस्टीट्यूट में एक मुर्गे के दिल को 8 वर्ष तक रखा गया और उस मुर्गे का दिल सामान्य क्रियाएं करता रहा। स्वामी अभेदानंद जी कहते हैं कि ठीक ऐसा ही मानवीय शरीर में मृत्यु के बाद होता रहता है। शरीर की कोशिकाओं तथा मांसतंतुओं की अपनी जिंदगी होती है। ये कोशिकाएं तथा मांसतंतुएं मरते नहीं, बल्कि विघटन के बाद भी काफी समय तक जिंदा रह सकते हैं।
आप सब का अनोखा ज्ञान पे बहुत बहुत स्वागत है.