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भगवान शिव के 12 ज्‍योतिर्लिंग - anokhagyan.in

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हेलो दोस्तों मेरा नाम है सूरज सिंह "राजा" और आज हमलोग बाते करने वाले है भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों के बारे में। तो चलिए आज के इस टॉपिक को शुरू किया जाए।

भगवान शिव

पुराणों के अनुसार (According to the Puranas) जिन-जिन स्थानों पर भगवान शिव के ज्‍योतिर्लिंग हैं, उन सभी बारह जगहों पर भगवान शिव स्वयं प्रकट हुए थे। ऐसा कहा जाता है कि इन ज्योतिर्लिंगों के पूजन, दर्शन, आराधना और नाम जपने मात्र से भक्तों के सभी पाप समाप्त हो जाते हैं। और भक्तों पर बाबा भोले की विशेष कृपा बनी रहती है। आइये आज हमलोग आपको द्वादश ज्‍योतिर्लिंग के दर्शन कराते हैं।


1. सोमनाथ ज्‍योतिर्लिंग (Somnath Jyotirling)- गुजरात

भगवान शिव का यह ज्‍योतिर्लिंग गुजरात राज्य के काठियावाड़ क्षेत्र में समुद्र किनारे स्थित है। यहां चंद्रमा ने भगवान शिव को आराध्य मानकर पूजा की थी और चंद्रमा को सोम के नाम से भी जाना जाता है, इसलिए इसी नाम पर भगवान शिव के इस ज्योतिर्लिंग का नाम सोमनाथ पड़ा।

2. मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग (Mallikarjun Jyotirlinga)- आंध्रप्रदेश


मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग भगवान शिव का यह ज्योतिर्लिंग आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में कृष्णा नदी के तट पर स्थित है। ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव के इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन मात्र से ही सात्विक मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं और दैविक, दैहिक व भौतिक पाप नष्ट हो जाते हैं।

3. महाकालेश्वर ज्‍योतिर्लिंग (Mahakaleshwar Jyotirlinga)- मध्यप्रदेश


भगवान भोलेनाथ का यह ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश राज्य के उज्जैन में क्षिप्रा नदी के तट पर स्थित है। महाकालेश्वर स्वयंभू दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग को देशभर में इस तीर्थ स्थान को बाबा महाकाल के नाम से प्रसिद्धि मिली है।

4. ओमकारेश्वर ज्‍योतिर्लिंग (Omkareshwar Jyotirling)- मध्यप्रदेश


ओमकारेश्वर ज्‍योतिर्लिंग भगवान भोलेनाथ यह ज्‍योतिर्लिंग मध्य प्रदेश में नर्मदा नदी के किनारे मान्धाता पर्वत पर स्थित है। इस ज्योतिर्लिंग के बारे में ऐसी मान्यता है कि इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन मात्र से ही पुरुषार्थ चतुष्ट्य की प्राप्ति होती है।

5. केदारनाथ ज्‍योतिर्लिंग (Kedarnath Jyotirling)- उत्तराखंड


केदारनाथ धाम भगवान शिव शंकर भोलेनाथ यह ज्योतिर्लिंग उत्तराखंड में अलकनंदा और मंदाकिनी नदियों के तट पर स्थित है। यहीं श्री नर और नारायण की तपस्थली है। ऐसा कहा जाता है कि श्री नर और नारायण की प्रार्थना पर ही भगवान शिव ने यहां अपना वास स्वीकार किया था।

6. भीमाशंकर ज्‍योतिर्लिंग (Bhimashankar Jyotirling)- महाराष्ट्र


भगवान भोलेनाथ का यह ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र में पुणे से करीब 100 किमी दूर स्थित है। यहां स्थित शिवलिंग काफी मोटा है, इसलिए यहां के शिवलिंग को मोटेश्वर महादेव भी कहा जाता है।


7. विश्‍वनाथ ज्‍योतिर्लिंग (Vishwanath Jyotirling)- उत्तरप्रदेश


यह ज्योतिर्लिंग उत्तरप्रदेश के धर्म नगरी काशी में काशी विश्‍वनाथ का यह ज्‍योतिर्लिंग गंगा नदी के तट पर स्थित है। ऐसी मान्‍यता है कि हिमालय छोड़कर भगवान भोलेनाथ ने यहीं अपना स्थाई निवास बनाया था। इसी वजह से ऐसा माना जाता है कि प्रलय काल का इस नगरी पर कोई प्रभाव या असर नहीं पड़ता।

8. त्र्यंबकेश्वर ज्‍योतिर्लिंग (Trimbkeshwar Jyotirling)- महाराष्ट्र


शिव शंकर भोलेनाथ का यह ज्‍योतिर्लिंग महाराष्ट्र के नासिक से 30 किमी पश्चिम में स्थित है। गोदावरी नदी के किनारे स्थित यह ज्‍योतिर्लिंग काले पत्थरों से बना है। इस ज्योतिर्लिंग के बारे में ऐसी मान्यता है कि पवित्र नदी गोदावरी और गौतम ऋषि की प्रार्थना पर भगवान शिव ने इस स्थान पर अपने वास की स्वीकृति दी थी।

9. नागेश्‍वर ज्‍योतिर्लिंग (Nageshwar Jyotirling)- गुजरात


नागेश्‍वर ज्‍योतिर्लिंग भगवान शिवशंकर का यह ज्‍योतिर्लिंग गुजरात में द्वारकापुरी से 17 मील दूर स्थित है। ऐसा कहा जाता हैं कि भगवान शिव की इच्छानुसार ही इस ज्योतिर्लिंग का नामकरण किया गया है।


10. वैद्यनाथ ज्‍योतिर्लिंग (Vaidyanath Jyotirling)- झारखंड


बाबा बैजनाथ (वैद्यनाथ) का यह ज्‍योतिर्लिंग झारखंड के देवघर जिले में स्थित है। इस ज्‍योतिर्लिंग के बारे में ऐसा कहा जाता है कि एक बार रावण ने तप के बल से भगवान शिव शंकर भोलेनाथ को लंका ले जाने की कोशिश की, लेकिन रास्ते में व्यवधान आ जाने से शर्तानुसार भगवान शिव यहीं स्थापित हो गए।

11. रामेश्‍वरम ज्‍योतिर्लिंग (Rameswaram Jyotirling)- तमिलनाडु


रामेश्‍वरम ज्‍योतिर्लिंग भगवान शिव का यह ज्योतिर्लिंग तमिलनाडु राज्‍य में स्थित है। ऐसी मान्‍यता है कि रावण की लंका पर चढ़ाई से पहले भगवान राम ने जिस शिवलिंग की स्थापना की थी, वही रामेश्वर के नाम से पूरे विश्व भर विख्यात हुआ।

12. घृष्‍णेश्‍वर ज्‍योतिर्लिंग (Ghatneshwar Jyotirling)- महाराष्ट्र


भगवान शिव का 12वां ज्‍योतिर्लिंग घृष्‍णेश्‍वर ज्योतिर्लिंग के नाम से प्रसिद्ध है। इस ज्योतिर्लिंग को घुश्मेश्वर के नाम से भी जाना जाता है। भगवान शिव का यह मंदिर महाराष्ट्र के दौलताबाद से लगभग 18 किमी दूर स्थित है।

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