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दुनिया के तीन सबसे अजीबों गरीब पेंड़

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ये हमारी पूरी दुनिया विचित्र चीजों से भरी हुई है। इस दुनिया में एक से बढ़कर एक ऐसी चीजें ऐसी है, जिनके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता।

लेकिन जब उन चीजों की सच्चाई हमलोगों को पत्ता चलता है तो हमलोग हैरान रह जाते है और यही सोचते है कि ऊपर वाले ने भी क्या एक से बढ़कर एक चीज बनाई है।

ये प्रकृति न जाने कैसे-कैसे रहस्यों से भरा हुआ है, जिनके बारे में ज्यादातर जानकारी हमलोगों के पास नही है।

लेकिन आज के इस लेख में मैं आपलोगों के लिए ऐसे ही रहस्यों से जुड़ी एक कहानी लेकर आया हूँ। आज के इस लेख में आपलोग जानेगें दुनिया के तीन अजीबों गरीब पेंड़ के बारे में। तो चलिए आज के इस लेख को शुरू करते है...

1. दैत्य वृक्ष

इस दुनिया में बहुत सारे रंग-बिरंगे पेंड़-पौधें है और उन्हीं पेंड़-पौधों में से एक है ये दैत्य वृक्ष। दुनियाभर में ऐसे अनेक वृक्ष है, जिनको 'दैत्य वृक्ष' कहा जाता है। जैसे- 'एमोर फोफैलस टिटेनम' नामक एक पौधा है जिसके फूल की लंबाई लगभग 6 फीट होती है। ठीक उसी प्रकार का एक और ये पेंड़ है- 'विक्टोरिया रेगिया' ये पौधा पानी में होता हैं तथा इसकी पत्ती की लंबाई लगभग 6 फीट की होती है।


अगर विशाल पेड़ों की बात करे तो विशाल ऑस्ट्रेलियन गम वृक्ष की बराबरी दूसरा कोई अन्य वृक्ष शायद ही कर सके। ये ऑस्ट्रेलियन गम वृक्ष लगभग 470 फीट ऊंचे होते हैं। ऐसे ही मोनाको के एक्सोइन बगीचे में दुनिया का सबसे आश्चर्यजनक 'केक्टाई पौधा-संग्रह' है, जिनमें कुछ केक्टाई के पौधें 15 फीट तक ऊंची हैं।

दूर से देखने पर ये पौधें किसी राक्षस से कम डरावनी नहीं लगती। ठीक उसी प्रकार अफ्रीका के जंगलों में भी कई ऐसे विशाल वृक्ष मिलते है। दुनियाभर में करीबन 2,35000 प्रकार के वृक्ष पाए जाते हैं और इनमें से कई पेड़ों की अपनी-अपनी विचित्रताएं होती हैं।

2. रोने वाला पेंड़

आपलोगों ने तो बहुत सारे पेड़ों के देखा या उसके बारे में सुना होगा, लेकिन कभी किसी रोने वाले पेंड़ के बारे में सुना है नही न.. वेस्ट इंडीज के सुडान इलाके में एक विचित्र प्रकार का पेंड़ पाया जाता है। इस पेंड़ को 'मोर्निगट्री' अर्थात् रोने वाला पेंड़ कहा जाता हैं।


यह पेंड़ सुबह के समय यानी दिन में सुरीली आवाज निकलती है, पर जब शाम होता है तो इस पेंड़ से सुरीली आवाज की जगह रोने की आवाज आने लगती है। इस क्यों होता है इसके पीछे क्या कारण है उसके बारे में वनस्पति शास्त्री यह बताते हैं कि सूर्य के प्रकाश (Sun Light) में पौधे की कोशिकाओं में स्टार्च बनाती है और जब सूर्यास्त हो जाता है उसके बाद यही स्टार्च घुलनशील शक्कर में बदल जाता है। जिसकी वजह से आवाज में बदलाव होता है।

3. जल बरसाने वाला पेड़

आपलोगों ने ये दोनों वृक्षों के बारे में तो जान लिया लेकिन क्या कभी सुना है कि कोई पेंड़ जल बरसाता है नही न.. तो चलिए जानते है। इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप में एक ऐसा पेंड़ पाया जाता है जो जल यानी पानी बरसाता है। 


दोपहर के समय जब सूर्य की किरणें काफी तेज चमकती हैं, तब यह पेंड़ हवा से भाप ग्रहण करता है। कुछ समय बाद यह भाप एकत्र होकर बादल का रूप में परिवर्तित हो जाता है। और फिर उस पेंड़ से शुरू हो जाती है बारिश। अगर उस पेंड़ के नीचे किसी प्रकार का बर्तन या घड़ा रख दिया जाए तो वह थोड़े ही समय में भर जाता है।

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