अंटार्कटिका के बारे में तो आपलोग जानते ही होंगे। अंटार्कटिका में माउंट सिडली के बाद माउंट एरेबस दूसरा सबसे ऊंचा सक्रिय ज्वालामुखी है।
यह पृथ्वी पर मौजूद सबसे दक्षिणी सक्रिय ज्वालामुखी है। इस सक्रिय ज्वालामुखी की ऊंचाई 3,684 मीटर है, जो रॉस द्वीप पर स्थित है। इस द्वीप का निर्माण रॉस सागर में चार ज्वालामुखियों ने किया है। अंटार्कटिका में मौजूद यह ज्वालामुखी करीब 1.3 मिलियन साल से सक्रिय है और बर्फीले महाद्वीप के नीचे एक जानवरों और पौधों की रहस्यमय दुनिया का सबूत देता है।
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अंटार्कटिका में माउंट एरेबस के चारों ओर गुफाओं की एक जटिल प्रणाली मौजूद है, जो भाप से बर्फ में खुलती हैं। ऑस्ट्रेलियाई राष्ट्रीय विश्वविद्यालय (Australian National University) के नेतृत्व में एक व्यापक स्टडी के दौरान इन गुफाओं की खोज की गई थी। इस खोज में शोधकर्ताओं ने पाया कि ज्वालामुखी से निकलने वाली भाप कैसे खुली जगहों से होकर गुजरती है और इस प्रक्रिया में गुफाओं के नेटवर्क के माध्यम से रास्तों में जमी बर्फ पिघलती है।
● गुफाओं के अंदर तापमान 25 डिग्री सेल्सियस (The temperature inside the caves is 25 °C)
शोधकर्ताओं की टीम ने कहा कि गुफाओं में प्रकाश है और इनका तापमान 25 ℃ तक पहुंच सकता है जिससे वे जीवन के लिए संभावित प्रजनन स्थल बन सकते हैं। शोधकर्ताओं द्वारा यह अध्ययन साल 2017 में प्रकाशित हुआ था और इसका नेतृत्व डॉ सेरिडवेन फ्रेजर, लॉरी कॉनेल, चार्ल्स के ली (Dr Ceridwen Fraser, Laurie Connell, Charles K. Lee) और एस क्रेग कैरी (S craig carey) ने किया था। उस समय डॉ फ्रेजन ने कहा था कि गुफाएं वाकई अंदर से काफी गर्म हैं और कुछ का तापमान 25 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है।
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● गुफाओं में टी-शर्ट पहनकर घूम सकते हैं (Can walk in caves wearing t-shirts)
डॉ. फ्रेजन ने कहा कि आप वहां एक टी-शर्ट पहनकर बड़े आराम से टहल सकते हैं। गुफा (Cave) के मुहाने पर प्रकाश (Light) है और गुफाओं के कुछ हिस्सों में रौशनी ऊपर से आती रहती है जहां ऊपर की बर्फ पतली होती है। गुफाओं से ली गई मिट्टी का डीएनए विश्लेषण (DNA analysis) करते हुए, टीम को शैवाल, काई और छोटे अकशेरूकीय (invertebrate) जानवरों सहित जीवों के सबूत मिले। हालांकि यह आश्चर्यजनक नहीं था क्योंकि अंटार्कटिका में इनमें से कई प्रजातियां पहले से पाई जाती हैं।
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