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भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो से जुड़े 21 रोचक तथ्य | 21 Interesting Facts Related To ISRO

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हेलो दोस्तों आज के इस लेख में, मैं आपलोगों को भारतीय स्पेस एजेंसी (Indian Space Agency About In Hindi) यानी ISRO से जुड़े रोचक तथ्य बताने जा रहा हूँ, आपलोग इसे ध्यान से पढ़ें और इसके बारे में अच्छे से जानकारी ले।

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1. भारतीय स्पेस एजेंसी 'ISRO' का Full Form है – Indian Space Research Organization. हिंदी भाषा में इसे ‘भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन’ कहते है।


2. 'भारतीय स्पेस एजेंसी' की स्थापना (ISRO Founder) डॉक्टर विक्रम साराभाई द्वारा 15 अगस्त 1969 में स्वतंत्रता दिवस के दिन की गई थी। उन्हें भारत के स्पेस प्रोग्राम का जनक भी कहा जाता है।

3. भारतीय स्पेस एजेंसी (ISRO Headquarters) का हेडक्वाटर बेंगालूरू में है और पूरे देशभर में इसके कुल 13 सेंटर हैं।

4. ISRO (भारतीय स्पेस एजेंसी) में लगभग 17 हज़ार वैज्ञानिक काम करते है। ISRO कई वैज्ञानिक ऐसे है जिन्होंने अपना पूरा जीवन इसरो को समर्पित कर दिया और आजीवन विवाह नही किया।

5. क्या आप जानते है कि भारत का अंतरिक्ष विभाग पहले भारत के परमाणु विभाग के अंर्तगत हुआ करता था, पर अंतरिक्ष विभाग का काम बहुत अधिक था और इसलिए साल 1969 में इसे ISRO के नाम से एक अलग संस्था बना दिया गया।


6. अक्तूबर 2016 तक भारतीय स्पेस एजेंसी (ISRO Facts In Hindi) ने 100 से भी अधिक देशी और विदेशी सेटलाइट लांच कर चुका है। विदेशी सेटेलाइटस में अमेरिका और रूस जैसे बड़े देशों के भी कई सेटेलाइट है। विदेशी सेटेलाइट लांच करने से इसरो को 700 करोड़ रूपए से भी अधिक की कमाई हुई है।

7. चंद्रयान-1 अभियान (Mission) के अंतर्गत ISRO ने एक मानवरहित यान को रिसर्च के लिए चांद (Moon) की कक्षा में भेजा था।

8. क्या आपको पता है कि चंद्रयान-1 को 22 अक्तूबर 2008 को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से छोड़ा गया था और इसे चांद तक पहुँचने में करीब 5 दिन का समय लगा और इसे चांद की कक्षा में स्थापित होने के लिए करीब 15 दिन का समय लगा था।

9. चंद्रयान-1 को लेकर वैज्ञानिकों का मानना था कि यह 2 साल तक काम करता रहेगा, परंतु दुर्भाग्य से 10 महीने बाद ही अगस्त 2009 को चंद्रयान-1 से संपर्क टूटने के बाद ही इस मिशन का अंत हो गया। मिशन तो खत्म हो गया पर अच्छी बात यह रही कि इन दस महीनो में ही चंद्रयान-1 ने अपना 95 प्रतिशत काम पूरा कर लिया था।

10. आपको जानकर खुशी होगी कि इन दस महीनों में ही चंद्रयान-1 की वजह से भारत चांद पर पानी खोज़ने वाला पहला देश बन गया है। चंद्रयान-1 ने चांद पर मौजूद चट्टानों पर पानी होने के पुख्ता सबूत भेजे थे, चंद्रयान-1 द्वारा भेजे इस रिपोर्ट को दुनिया की बाकी अंतरिक्ष एजेंसियों ने भी माना।


11. मंगलयान मिशन (Mission Mangal) के तहत भारतीय स्पेस एजेंसी यानी इसरो ने 5 नवंबर 2013 को मंगल ग्रह की और एक उपग्रह भेजा था। यह अंतरिक्ष यान 298 दिन की यात्रा के बाद 24 सितंबर 2014 को मंगल की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित हो गया।

12. मंगलयान के मंगल ग्रह पर सफलतापूर्वक पहुंचने के साथ ही भारत पहले ही प्रयास में मंगल में पहुँचने वाला पहला देश बन गया। भारत से पहले किसी भी देश का पहला मंगल अभियान (Mars Mission) कामयाब नही हुआ था।

13. भारत मंगल ग्रह (Mars Planet) पर पहुँचने वाला एशिया का पहला देश भी है क्योंकि भारत से पहले चीन और जापान अपने मंगल अभियान (Mars Mission) में असफल रहे थे।

14. क्या आपलोग रॉकेट के बारे में जानते है, राकेट वो यान होता है जिससे उपग्रहों को छोड़ा जाता है और भारतीय स्पेस एजेंसी यानी इसरो के पास दो प्रमुख राकेट हैं- PSLV और GSLV.

15. PSLV का Full Form - Polar Satellite Launch Vehicle होता है


16. PSLV का फुल फॉर्म - ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान।

17. PSLV रॉकेट छोटे आकार के हलके उपग्रहों को छोड़ने के लिए प्रयोग किया जाता है। PSLV द्वारा अब तक 70 से अधिक उपग्रह छोड़ा जा चुके है।

18. PSLV राकेट की मदद से 28 अप्रैल 2008 को एक साथ 10 उपग्रह छोड़े गए थे और 22 जून 2016 को एक साथ 20 उपग्रह इसने पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किए।

19. GSLV का Full Form - Geosynchronous Satellite Launch Vehicle होता है। 

20. GSLV का फुल फॉर्म - जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल.

21. GSLV रॉकेट का उपयोग भारी किस्म के उपग्रहों को पृथ्वी से 36 हज़ार किलोमीटर की ऊँचाई पर स्थापित करने के लिए किया जाता है।


Note:- हम उम्मीद करते है की आज का ये लेख इसरो से जुड़े रोचक तथ्य आपलोगों को पसंद आया होगा, और इसरो के बारे में आपलोग जो चीज़ नहीं जानते थे उसे आज जान लिए होंगे। अगर आज का ये लेख आपलोगों को पसंद आया है तो आप इसे अपने दोस्तों और परिजनों के पास शेयर करें, धन्यवाद्।

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