Fresh Article

Type Here to Get Search Results !

एलियन से जुड़े 13 रोचक तथ्य | एलियन के बारे में रोचक जानकारी | 13 Interesting information about Alien

0
हमारा यह ब्रह्मांड कितना विशाल है, यह हमलोगों के सोच से बिलकुल परे हैं। और इस ब्रह्मांड के आकार के मुकाबले में हमारी यह पृथ्वी महज एक रेत के कण के बराबर है।

हमारी इस पृथ्वी से कई गुना बड़े करोड़ों ग्रह इस ब्रह्मांड में मौजूद हैं। और इस ब्रह्मांड में लाखों गैलेक्सियां हैं, जिसे ‘आकाशगंगा’ कहा जाता हैं। 

आकाशगंगा को अंग्रेजी में Mil keyway और हिन्दी में क्षीरमार्ग और मंदाकिनी कहते हैं, जिसमें हमारी पृथ्वी, सौरमंडल और लाखों तारे स्थित हैं. एलियन यह विषय मनुष्यों के लिए हमेशा से जिज्ञाषा का विषय रहा हैं।

एलियन जिसे हिंदी में परग्रही जीव कहा जाता है। यह एलियन जो ब्रह्मांड के किसी अन्य ग्रह से हमारी धरती यानी पृथ्वी पर आते हैं। ये एलियन हम इंसानों से कहीं अधिक विकसित और शक्तिशाली सभ्यता वाले जीव भी हो सकते हैं। तो चलिए आज के इस लेख में हम जानते है एलियन से जुड़े रोचक तथ्य.


आज का यह लेख आपका ज्ञान बढ़ाने के साथ-साथ इंटरनेट पर मौजूद एलियन से जुड़े कुछ अन्य जानकारियों से अलग हटकर भी साबित होगा।


★ एलियन से जुड़े रोचक तथ्य

1. वैज्ञानिकों के शोध से यह बात पता चला कि एलियन लगभग 10 हजार ई.पू. हमारी इस पृथ्वी पर उतरे थे। वो एलियन यहां सबसे पहले इंसानी कबीले के जो सरदार थे उनको ज्ञान दिया। उसके बाद उसने राजाओं को अपना संदेशवाहक बनाया।

2. इस एलियन के संदेशवाहकों की सूची में है- मिस्र, इंका, मेसोपोटामिया, सुमेरियन, बेबीलोनिया, माया, सिन्धु घाटी, मोहनजोदड़ो और उस समय के दुनिया की तमाम सभ्यताओं के विकास में इन एलियन का योगदान रहा है।

3. इन एलियनों ने ही भारत, चीन, मिस्र, इजरायल, अमेरिका और रशिया में कई ऐसे पूजा स्थल, स्मारक या अजूबे बनाए, जिसे बनाना मनुष्यों के बस की बात ही नहीं लगती।


4. History Channel की एक रिपोर्ट के मुताबिक प्राचीन सभ्यताओं के स्मारकों पर शोध करने वाले मशहूर लेखक एरिक वोन डेनीकेन की एक किताब ‘चैरियोट्स ऑफ गॉड्स’ ने लोगों की सोच को बदल दिया है।

5. गीजा के पिरामिडों को बनाने के लिए प्राचीन मिस्र के लोगों के पास कोई तकनीक ही नहीं थी। जरूर इन पिरामिडों एलियंस ने ही बनाया होगा।

6. ‘ओरायन’ यह एक नक्षत्र है, यह एक ऐसा नक्षत्र है जिसका हमारी पृथ्वी से कोई गहरा संबंध है। इस नक्षत्र की जानकारी भारतीय, मेसोपोटामिया, मिस्र, ग्रीक, माया और इंका आदि सभ्यताओं की पौराणिक कथाओं और उन सभ्यताओं के खुदाई में मिले गए उनके तराशे गए पत्थरों पर अंकित चित्रों में इस ‘ओरायन' नक्षत्र संबंधी जानकारी मिलती है।

7. इन एलियंस को लेकर साल 2010 में एक खबर आई थी कि वर्ष 1948 के बाद सुदूर अंतरिक्ष में रहने वाले एलियंस ब्रिटेन और अमेरिका के परमाणु मिसाइल वाले इलाकों में कई बार मंडराए थे।


8. इन एलियंस को लेकर नासा के एक वैज्ञानिक का पुख्ता अनुमान है कि हो सकता है कि ये एलियंस पृथ्वी पर कभी आए हों, लेकिन हमें यह पता नहीं।

9. एलियंस के शरीर की संरचना को लेकर नासा के कम्प्यूटर साइंटिस्ट और प्रोफेसर सिल्वानो पी. कोलंबो ने एक रिसर्च पेपर में ऐसा दावा किया है कि हो सकता है एलियंस की संरचना परंपरागत कार्बन संरचना पर आधारित न हो, इसलिए जब वो पृथ्वी पर आए होंगे तो हमें इस बात का पता न चल पाया हो।

10. भारत के छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में एक गुफा में 10 हजार साल पुरानी शैलचित्र मिला हैं। इस शैलचित्र को लेकर भारतीय आर्कियोलॉजिस्ट की इस खोज ने भारत में एलियंस के रहने की बात पुख्ता कर दी है।


इस गुफा में मिले शैलचित्रों में स्पष्ट रूप से एक उड़नतश्तरी बनी हुई है। इतना ही नहीं इस शैलचित्र में उड़नतश्तरी से निकलने वाले एलियंस का चित्र भी स्पष्ट रूप से दिखाई देता है।

11. इन एलियंस को लेकर मिस्र, सिंधु घाटी, मेसोपोटामिया, सुमेरियन, माया, इंका, बेबीलोनिया, मोहनजोदड़ो और दुनिया की तमाम सभ्यताओं के टैक्स में यह देखने को मिलता है कि ये एलियंस जल्द ही लौट आएंगे। और वे फिर से ‘आकाशदेव’ और पृथ्वी के मुखिया होंगे।


12. दुनियाभर के वैज्ञानिकों का मानना हैं कि पृथ्वी के ही कुछ जगहों पर ये एलियंस यानी दूसरे ग्रह के लोग छुपकर रहते है। ये दूसरे ग्रह के लोग जिसे हमलोग एलियंस कहते है, ये धरती के ही कुछ जगहों जैसे- समुंद्री सुरंगों, हिमालय की गुफाओं और जंगलों में हो सकते है। इन सभी जगहों पर इंसान कभी नहीं जाता।

13. Space Researchers यानी अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के शोध में यह निष्कर्ष निकला हैं कि धरती पर दूसरे ग्रह के लोग यानी एलियंस का अस्तित्व है। ये एलियंस तकनीकी विकास में हम मनुष्यों से कहीं अधिक आगे हैं। इन एलियंस को लेकर अमेरिका में कुछ महिलाओं ने दावा किया है कि उन्‍होंने इन एलियंस के साथ सेक्स किया है।

Post a Comment

0 Comments