मृत्यु इससे बचना किसी के वश की बात नही है। मृत्यु यह जीवन का सत्य है। अप्राकृतिक कारणों से या किसी दुर्घटनाओं में मौत हो जाने पर उस व्यक्ति के शव का पोस्टमॉर्टम किया जाता है। उस व्यक्ति के मृत शरीर का चिकित्सकों (Doctors) द्वारा बारिकी से जांच कर, उस व्यक्ति के मौत के कारणों का पता लगाया जाता है।
पोस्टमार्टम शासकीय चिकित्सकों (Post mortem government physicians) द्वारा नागरिक अस्पताल (Civil hospital) में किया जाता है। चिकित्सक उस मृत व्यक्ति के शरीर से विसरा (Viscera) निकालता है। जिसे जांच के लिए प्रयोगशाला (Lab) में भेजा जाता है। इस जांच से यह पता लगाया जाता है, कि मौत की वजह क्या और किस कारण मौत हुई है। आज के इस लेख में हम सब जानेगें पोस्टमार्टम से जुड़े रोचक तथ्य ।
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★ पोस्टमार्टम से जुड़े रोचक तथ्य
1. पोस्टमॉर्टम के दौरान मृत व्यक्ति के शव को नंगा किया जाता है। उस व्यक्ति के शव को नंगा कर उसके अंगों की बारीकी से जांच की जाती है।
2. अगर मृत महिला हो तो विशेषज्ञ महिला डॉक्टर उस शव का पोस्टमार्टम करती है। लेकिन महिला डॉक्टर के नहीं होने की दशा में उस मृत महिला के शव का पोस्टमॉर्टम पुरुष डॉक्टर ही करते हैं।
3. पोस्टमॉर्टम की क्रिया के बाद उसके शव पर सुंगधित पॉउडर डाला जाता है। जिससे उस मृत शरीर से बदबू नहीं आएं।
4. पोस्टमॉर्टम से पहले शवों को चीरने का काम स्वीपर द्वारा किया जाता है।
5. पोस्टमॉर्टम में उस मृत व्यक्ति के शरीर के अंदर से कुछ अवशेष निकाले जाते है, जिसे विसरा कहते हैं।
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6. मरे हुए व्यक्ति का पोस्टमार्टम करने से पहले उसके परिजनों से इजाजत ली जाती है।
7. किसी भी मृत व्यक्ति का पोस्टमार्टम उसके मृत्यु के 6 से 10 घंटे के अंदर किया जाना चाहिए।
8. पोस्टमार्टम की क्रिया रात में कभी नहीं किया जाता है। इसका कारण यह है कि रात के वक़्त उस मृत व्यक्ति के शव पर लगे घाव का निशान बैंगनी रंग का दिखाई देने लगता है।
9. अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु सड़क दुर्घटना में या किसी लड़ाई-झगड़े में गोली मारकर हत्या करने से होती है तो उस व्यक्ति के शव का पोस्टमॉर्टम होता है।
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मृत्यु के ऐसे मामले में आमतौर पर विसरा जांच की जरुरत नहीं होती, लेकिन उस व्यक्ति के मृत शरीर को देखने के बाद अगर उसकी मौत संदिग्ध लगे यानी उसे जहर देने की आशंका हो तो उस व्यक्ति के विसरा की जांच की जाती है।
10. CRPC की धारा-293 के तहत Expert View Administrative Evidence (विशेषज्ञ देखें प्रशासनिक साक्ष्य) होता है, जिसे विसरा रिपोर्ट एक्सपर्ट व्यू कहा जाता है। यह रिपोर्ट अदालत में मान्य साक्ष्य होता है।
आप सब का अनोखा ज्ञान पे बहुत बहुत स्वागत है.