हेलो दोस्तों मेरा नाम है सूरज सिंह राजा। आज के इस लेख में हमलोग बातें करने वाले है दुनिया की 5 रहस्यमयी किताबों के बारे में। आपलोगों ने बहुत सारी किताबों के बारे में पढ़ा या सुना होगा। लेकिन ये किताबें उन सबसे बहुत अलग और बहुत रहस्यमयी है। तो चलिए देखते है कि किताबें कौन-कौन सी है...
1. लाल किताब
यह किताब भृगु संहिता से कहीं अधिक रहस्यमी ज्ञान वाला किताब है। आपलोग मानों या ना मानों, लेकिन इस लाल किताब को पढ़कर यदि आप इसे समझ जाते है तो निश्चित है कि आपका दिमाग पहले जैसा नहीं रहेगा। इस किताब के बारे में ऐसा माना जाता है कि लाल किताब के ज्ञान को सबसे पहले अरुणदेव ने खोजा था, जिस कारण इस किताब को अरुण संहिता भी कहा जाता है।
उसके बाद फिर इस किताब के ज्ञान को रावण ने खोजा था और इसके बारे में फिर रावण ने लिखा था। फिर यह ज्ञान धीरे-धीरे खो गया, लेकिन यह ज्ञान समय के साथ लोक परंपराओं में जीवित रहा। लाल किताब ज्योतिष की पारम्परिक प्राचीनतम विद्या का ग्रंथ है।
2. उपनिषद
उपनिषदों को वेदों का सार या निचोड़ भी कहा जाता है। इन उपनिषदों में कई रोचक और शिक्षाप्रद कहानियों के अलावा ऐसी कई रहस्यमयी बातें भी हैं जिन्हें जानकार आप हैरान रह जाएंगे। उपनिषदों को पढ़ने और समझने के बाद आपका जो संसार को देखने का नजरिया है वो बिल्कुल ही बदल जाएगा। उपनिषदों की संख्या लगभग 1008 से भी अधिक हैं। उनमें से भी 108 महत्वपूर्ण उपनिषद हैं।
उनमें से भी सबसे महत्वपूर्ण उपनिषदों के नाम इस प्रकार है-
1. कठ
2. प्रश्न
3. ईश
4. केन
5. माण्डूक्य
6. तैत्तिरीय
7. छान्दोग्य
8. ऐतरेय
9. वृहदारण्यक
10. नृसिंह पर्व तापनी।
शुरुआती उपनिषदों का रचनाकाल 1000 ई. पूर्व से लेकर 300 ई. पूर्व तक माना गया है।
3. रसेन्द्र मंगल और रस रत्नाकर
प्राचीन भारत में नागार्जुन नाम के एक महान रसायन शास्त्री थे। नागार्जुन के जन्म तिथि एवं जन्मस्थान के विषय में इतिहासकारों का अलग-अलग मत हैं।
नागार्जुन के इस पुस्तक में रसायन शास्त्र से जुड़े बहुत ही गुप्त रहस्यों का उजागर किया गया है। उनके इस किताब में चांदी, सोना, टिन और तांबे की कच्ची धातु निकालने और शुद्ध करने के तरीके भी बताए गए हैं। उनके इस किताब की सबसे रहस्यमई बात तो यह है कि इसमें सोना बनाने की विधि का वर्णन भी किया गया है।
रसायन शास्त्र में नागार्जुन की दो पुस्तकें रसेन्द्र मंगल और रस रत्नाकर बहुत प्रसिद्ध है। चिकित्सा विज्ञान (Medical science) के क्षेत्र में नागार्जुन की प्रसिद्ध पुस्तकें 'योग सार', कक्षपुटतंत्र', 'आरोग्य मंजरी' और 'योगाष्टक' हैं।
4. अष्टाध्यायी और योगसूत्र
पाणिनि द्वारा रचित यह दुनिया की प्रथम भाषा (संस्कृत) का प्रथम व्याकरण ग्रंथ अष्टाध्यायी है, ये किताबें 500 ई. पू. की है। इस किताब में आठ अध्याय हैं इसीलिए इस किताब को अष्टाध्यायी कहा गया है। इस अष्टाध्यायी ग्रंथ का दुनिया की हर भाषा पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ा है।
अष्टाध्यायी में कुल सूत्रों की संख्या 3996 है। इन सभी सूत्रों को समझने के बाद आप को जिस ज्ञान की प्राप्ति होगी वह दुनिया की अन्य किसी व्याकरण की किताब में नहीं मिलेगा। यह शुद्ध ज्ञान है।
पाणिनि के द्वारा लिखे इस ग्रंथ पर महामुनि कात्यान का विस्तृत वर्ती ग्रंथ है। और इसी तरह पतंजलि ने भी इस ग्रंथ पर बिसात विवरणात्मक कर एक ग्रंथ महाभाष्य लिखा।
5. सामुद्रिक शास्त्र
सामुद्रिक शास्त्र यह एक ऐसा शास्त्र है जो मुख, मुखमण्डल तथा सम्पूर्ण शरीर के अध्ययन की विद्या है। भारत में यह शास्त्र वैदिक काल से ही प्रचलित है। गरुड़ पुराण में भी सामुद्रिक शास्त्र का वर्णन मिलता है। सामुद्रिक शास्त्र एक रहस्यमयी शास्त्र है जो किसी भी व्यक्ति के संपूर्ण चरित्र और भविष्य को खोलकर रख देता है। हस्तरेखा विज्ञान तो सामुद्रिक शास्त्र विद्या की वह शाखा मात्र है।
इस सामुद्रिक शास्त्र का जन्म 5000 ई.पू. भारत में हुआ था। सामुद्रिक शास्त्र के इस विद्या की खोज ऋषि पराशर, व्यास, भारद्वाज, भृगु, कश्यप, बृहस्पति, कात्यायन आदि महर्षि ने मिलकर की थी। इस सामुद्रिक शास्त्र के बारे में ये भी कहा जाता है कि ई.पू. 423 में यूनानी विद्वान NX गोरस इस शास्त्र को पढ़ाया करते थे। यह सामुद्रिक शास्त्र महान सिकंदर को भी भेंट की गई थी।
Apke theme ka nam kya h please btye
ReplyDeletethank you
ReplyDeletesanjublog
thank you
ReplyDeletesanjublog
आप सब का अनोखा ज्ञान पे बहुत बहुत स्वागत है.