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सोने की नदी | इस नदी में बहता है शुद्ध सोना

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हेलो दोस्तों मेरा नाम है सूरज सिंह राजा और आज के इस लेख में हमलोग बातें करने वाले है एक ऐसे नदी के बारे में जहां शुद्ध सोना बहता है।

जी हां, आपलोगों ने अब तक पानी की नदी को बहते हुए देखा और सुना होगा। लेकिन आपसे ये कहा जाए कि एक ऐसी नदी है जिसमें शुद्ध सोना बहता है, तो क्या आपलोगों को इस बात पर यकीन होगा। नही न.. लेकिन आज आपलोग जब इस लेख को पूरा पढ़ेंगे तो इस बात पर भी आपलोगों को यकीन हो जाएगा। कनाडा के डॉसन सिटी में एक ऐसी नदी है जिसमें शुद्ध सोना बहता है। इस नदी को देखने के लिए यहां हर समय सैलानियों का मेला लगा रहता है।

इन नदी को देखने लोग यहां दूर-दूर से आते हैं। अब आपलोगों के मन में ये सवाल आ रहा होगा कि आखिरकार इस नदी में सोना आता कहां से है? तो आइए अब इस नदी के बारे जानते हैं।

दूर दूर से आते है लोग इस सोने की नदी को देखने

कनाडा के डॉसन सिटी में बहती है ये सोने वाली नदी। डॉसन सिटी के इस सोने वाली नदी को देखने बड़ी संख्या में लोग दूर दूर से आते है। कनाडा के डॉसन सिटी की यह नदी सैलानियों की पंसदीदा जगहों में से एक बन चुका है। इस सोने वाली नदी के बारे में ऐसा कहा जाता है कि इस जगह आम आदमी आकर अमीर बन जाता है।

एक रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 1896 में चार्ली जॉर्ज कार्मेक और स्कूकम जिम मेसन ने सबसे पहले इस सोने वाली नदी में सोना होने की बात को पूरी दुनिया के सामने लाया था। जैसे ही इस सोने वाली नदी के बारे में लोगों को पता चला कि डॉसन सिटी के नदी में सोना बह रहा है, तो यह देखने के लिए वहां पर जबरदस्त भीड़ जमा हो गई।

वर्ष 1898 में इस डॉसन सिटी की आबादी केवल 1500 थी, लेकिन जब इस बात के बारे में लोगों को पता चला कि इस शहर की नदी में सोना बहता है तो  रातों-रात इस शहर की आबादी बढ़ कर तीस हजार हो गई।

कोई भी निकाल सकता है यहां से सोना

एक जानकारी के अनुसार, डॉसन सिटी के इस नदी के नीचे सोना बिछा हुआ है। जो लोग यहां सोना खोजने आते है वह सबसे पहले इस नदी के पास जमी रेत को बर्तनों में इक्कट्ठा करते हैं। जिसके बाद उस रेत को छानकर छोटे-छोटे बर्तनों में जमा करते है।

फिर बर्तनों से निकलने वाले सोने के टुकड़ों को अलग किया जाता है। इस नदी से सोना निकालने पर कोई पाबंदी नहीं है। यहां पर बहुत से लोग अपनी किस्मत को आजमाने के लिए आते है। पर ये जरूरी नहीं है कि यहां पर आने वाले हर शख्स के हाथ सोने ही लगे। कई बार तो लोगों को खाली हाथ ही लौटना पड़ता है।

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