Fresh Article

Type Here to Get Search Results !

दुनिया की सबसे पहली भाषा संस्कृत है सभी संस्कृतियों की सुरुआत सनातन धर्म से ही हुई है - anokhagyan.in

0

पूरी दुनियाभर में जीवन का विकास सबसे पहले भारतीय दक्षिण प्रायद्वीप (Indian South Peninsula) में नर्मदा नदी के तट पर हुआ, जो विश्व की सर्वप्रथम नदी है। यहां पूरे दुनिया में डायनासोरों के सबसे प्राचीन (पुराने) अंडे एवं जीवाश्म प्राप्त हुए हैं।

'संस्कृत' यह दुनिया की सबसे प्राचीन (पुरानी) भाषा (Language) है तथा समस्त भारतीय भाषाओं की जननी है। ‘संस्कृत’ का शाब्दिक अर्थ 'परिपूर्ण भाषा'।

संस्कृत भाषा (Sanskrit Language) से पूर्व (पहले) विश्व टूटी-फूटी, छोटी-छोटी बोलियों (Bids) में बंटी थी जिनका कोई व्याकरण नहीं था और जिनका कोई भाषा कोष (Language Base) भी नहीं था। भाषा (Language) को लिपियों (Scripts) में लिखने का प्रचलन भारत (India) में ही शुरू हुआ। भारत से इस भाषा (Language) को सुमेरियन (Sumerian) , बेबीलोनीयन (Babylonian) और यूनानी (Greek) लोगों ने सीखा।

ब्राह्मी लिपि (Brahmi Script) और देवनागरी लिपि (Devanagari Script) लिपियों (Scripts) से ही पूरी दुनिया में अन्य लिपियों (Scripts) का जन्म हुआ। ब्राह्मी लिपि (Brahmi Scripts) यह एक प्राचीन लिपि है, जिसे देवनागरी लिपि (devnagari script) से भी प्राचीन (Ancient) माना जाता है। हड़प्पा संस्कृति (Harappan Culture) के लोग इस लिपि का इस्तेमाल करते थे, उस समय संस्कृत भाषा को भी इसी लिपि में लिखा जाता था।

जैन पौराणिक कथाओं (Jain mythology) के अनुसार सभ्यता को मानवता तक लाने वाले पहले तीर्थंकर ऋषभदेव जी की एक बेटी थी। ऋषभदेव जी की बेटी नाम ब्राह्मी था। ब्राह्मी ने ही इस लेखन की खोज की।

प्राचीन विश्व में सिंधु और सरस्वती नदी के तट पर (किनारे) बसी सभ्यता सबसे समृद्ध, सभ्य और बुद्धिमान थी। इसके कई साक्ष्य मौजूद हैं। यह सभ्यता वर्तमान में अफगानिस्तान से भारत तक फैली थी। प्राचीनकाल में सरस्वती नदी जितनी विशाल थी। विश्व का सबसे पहला धर्मग्रंथ सरस्वती नदी के तट (किनारे) बैठकर ही लिखा गया था।

पुरातत्त्वविदों (Archaeologists) का मानना है कि यह सभ्यता लगभग 9,000 ईसा पूर्व अस्तित्व में आई थी, 3,000 ईसा पूर्व इस सभ्यता ने स्वर्ण युग देखा और लगभग 1800 ईसा पूर्व आते-आते किसी भयानक प्राकृतिक आपदा (Natural calamity) के कारण यह सभ्यता लुप्त हो गया। एक तरफ जहां सरस्वती नदी लुप्त हो गई वहीं दूसरी तरफ इस क्षेत्र के लोगों ने पश्चिम की ओर पलायन कर दिया।

सैकड़ों हजारों वर्ष पहले पूरी दुनियाभर के लोग समुदाय, कबीले, घुमंतू वनवासी आदि में रहकर अपना जीवन-यापन करते थे। उन लोगों के पास न तो कोई स्पष्ट शासन व्यवस्था थी और न ही उनके पास कोई सामाजिक व्यवस्था। परिवार, धर्म और संस्कार की समझ तो उन लोगों को बिलकुल नहीं थी। ऐसी हालत में केवल भारतीय हिमालयन क्षेत्र में कुछ मुट्ठीभर (Handful) लोग थे, जो इस संबंध में सोचते थे। उन्होंने ही वेद को सुना और उसे मानव समाज (humane Society) को सुनाया। 

यह कुछ इस तरह Notable (उल्लेखनीय) है कि प्राचीनकाल से ही भारतीय समाज (Indian society) कबीले (The clan) में नहीं रहा। वह एक वृहत्तर और विशेष समुदाय में ही रहा।

पूरी धरती (Earth) पर Hindu Vedic Religion (हिन्दू वैदिक धर्म) ने ही लोगों को सभ्य बनाने के लिए अलग-अलग क्षेत्रों में Religious Views (धार्मिक विचार) धारा की नए-नए रूप में स्थापना की थी। आज पूरी दुनिया की धार्मिक संस्कृति और समाज में हिन्दू धर्म (Hindu religion) की झलक देखी जा सकती है। चाहे वह धर्म यहूदी धर्म हो, पारसी धर्म हो या ईसाई-इस्लाम धर्म हो।

क्योंकि ईसा से 2300-2150 वर्ष पूर्व सुमेरिया (Sumeria), 2000-400 वर्ष पूर्व बेबिलोनिया (Babylonia), 2000-250 ईसा पूर्व ईरान (Iran), 2000-1500 ईसा पूर्व मिस्र (Egypt), 1450-500 ईसा पूर्व असीरिया (Assyria), 1450-150 ईसा पूर्व ग्रीस (Greece) (यूनान), 800-500 ईसा पूर्व रोम की सभ्यताएं (Civilizations of rome) विद्यमान थीं। परन्तु इन सभी से भी पहले अर्थात आज से 5000 वर्ष पूर्व महाभारत का युद्ध (War of mahabharata) लड़ा गया था।

महाभारत काल (Mahabharata period) से भी पहले 7300 ईसा पूर्व अर्थात आज से 7300+2000=9300 वर्ष पूर्व रामायण का रचनाकाल प्रमाणित हो चुका है। हजारों वर्ष ईसा पूर्व भारत में एक पूर्ण विकसित सभ्यता थी और इस सभ्यता के लोग पढ़ना-लिखना भी जानते थे।


The Indian heritage (भारतीय संस्कृति) का प्रकाश धीरे-धीरे पूरी दुनिया में फैलने लगा। तब भारत का ‘धर्म’ पूरी दुनिया में अलग-अलग नामों से प्रचलित था। अफ्रीका और अरब में जहां सबाईन, सामी, यजीदी, मुशरिक, अश्शूर, हित्ती, तुर्क, कुर्द, पैगन (Sabain, Sami, Yazidi, Mushrik, Assyria, Hittite, Turk, Kurd, Pagan) आदि इस धर्म के मानने वाले समाज थे, तो रूस, रोम, चीन (China) व यूनान (Greece) के प्राचीन समाज के लोग सभी किसी न किसी रूप में हिन्दू धर्म (Hindu religion) का पालन करते थे।

कुछ समय बाद में एक पैगंबर (Prophet) और एक किताब जैसे सामी धर्मों (Semitic religions) ने इन्हें विलुप्त सा कर दिया।


मैक्सिको (Mexico) में ऐसे हजारों साक्ष्य (Evidence) मिलते हैं जिनसे यह सिद्ध होता है। जीसस क्राइस्ट (Jesus Christ) से बहुत पूर्व (पहले) वहां पर हिन्दू धर्म प्रचलित था। अफ्रीका (Africa) में 6,000 वर्ष पुराना एक भगवान शिव का मंदिर पाया गया और चीन, मलेशिया, इंडोनेशिया, जापान, लाओस में हजारों वर्ष पुरानी श्रीहरि भगवान विष्णु, भगवान राम और हनुमान जी की प्रतिमाएं मिली है इन प्रतिमाओं का मिलना इस बात का साक्ष्य (सबूत) है कि हिन्दू धर्म संपूर्ण धरती पर था।


Post a Comment

0 Comments