मृत्यु के बाद होने वाली क्रियाओं या आत्मा के बारे में तरह-तरह की बातें सुनने को मिलती है। आत्मा के बारे में कहा जाता है कि आत्मा अमर होता है। आत्मा की कभी मृत्यु नहीं होती है। मृत्यु इंसानों की तथा जीव-जंतु, पशु-पक्षियों की होती है। आत्मा तो अमर है।
मृत्यु तो सिर्फ शरीर की होती है जबकि आत्मा एक शरीर से दूसरे शरीर को धारण करती है। जैसे इंसान पुराने कपड़ें को बदलकर नए कपड़े धारण करता है यानि कि इन सबसे एक बात तो साफ होता है कि जब तक शरीर जिंदा हैं तब तक आत्मा शरीर के अंदर रहती है।
अब प्रश्न यह उठता है कि जैसे शरीर के सभी अंगों का एक निश्चित भार होता है वैसे ही आत्मा का भी भार होता होगा? कितना होता है आत्मा का वजन? क्या कभी किसी ने इसके बारे में पता लगाने की कोशिश की है नही ना.. आइए आज हमलोग इस लेख में जानते हैं।
★ आत्मा का भार
आत्मा का भार कितना होता है ये जानने के लिए डॉ. डंकन मैक डॉगल नामक शख्स ने 10 अप्रैल 1901 में इस बात का पता लगाने के लिए एक अजीबोगरीब तरह का प्रयोग किया। अमरीका के डॉर्चेस्टर में हुए इस आत्मा के भार मापन परीक्षण में डॉ. डंकन ने अपने चार अन्य साथी डॉक्टर्स को भी शामिल किया।
Subject (विषय) के तौर पर डॉ. डंकन ने ऐसे चार पुरुष और एक महिला को शामिल किया जो कि थोड़े समय बाद मरने वाले थे। उन चारों को खासतौर पर डिजाइन किए गए फेयरबैंक्स वेट स्केल पर रखा गया और उनके मरने से पहले ही बड़ी सावधानी से उनका वजन यानी भार लिया गया।
वजन लेने के कुछ समय बाद जब इन चारों मरीजों की मौत हो गई तो फिर से उनका वजन लिया गया। डॉक्टरों की इस टीम ने पाया कि मौत के बाद उनके वजन में पहले से कुछ अंतर आया है। सभी लोगों ने अपने वजन का कुछ हिस्सा खो दिया। हालांकि इसमे ध्यान देने वाली बात यह भी थी कि सभी का वजन समान रुप से कम नहीं हुआ था। ऐसे में डॉ. डंकन ने निष्कर्ष यह निकला कि आत्मा (Soul) का वजन 21 ग्राम होता है।
★ आत्मा
इस प्रयोग के बाद में डॉ.डंकन ने इस तरह का एक और प्रयोग कुत्तों के साथ भी किया, लेकिन मरने के बाद उस कुते का वजन कम नहीं हुआ। इस बारे में डॉ.डंकन का कथन था कि आत्मा केवल इंसानों के अंदर ही होता है।हालांकि डॉ. डंकन ने ये भी कहा था कि इस बारे में अभी और शोध की आवश्यकता है।
आप सब का अनोखा ज्ञान पे बहुत बहुत स्वागत है.