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हिंद महासागर में खोजा गया नीली व्हेल का नया जनसंख्या समूह - anokhagyan.in

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नीली व्हेल (Blue Whale) यह दुनिया में अब तक का पाया गया सबसे विशाल जानवर है। हाल ही में इस जानवर के शिकार की गतिविधियों के बढ़ने से इसकी संख्या में काफी कमी आई है। नीली व्हेल के इस नए शोध में वैज्ञिकों ने इस बात के साक्ष्य (Proof) पाए हैं कि पश्चिमी हिंद महासागर (Western Indian ocean) में नीली व्हेल (Blue Whale) की अज्ञात जनसंख्या निवास करती है या रहती है। शोधकर्ताओं (Researchers) ने यह जानकारी इस इलाके में (Recording of Sound) आवाज की रिकॉर्डिंग के विश्लेषण से हासिल की है।
New York times की यह रिपोर्ट हाल ही में Endangered Species Research Journal में प्रकाशित हुई है। इस रिपोर्ट के अनुसार नीली व्हेल का यह समूह अलग तरह का गाना गाता है जो दूसरी नीली व्हेल (Blue Whale) की गाने से स्पष्ट तौर पर अलग है। अभी तक केवल एक दर्जन नीली व्हेल (A dozen blue whales) के गानों की पहचान की गई है जिसमें हर गाने (Songs) एक अलग ही जनसंख्या की पहचान करता है। इससे पहले ही कई नीली व्हेल( Blue Whale) की जनसंख्या समूहों की पहचान इसी तरह से की गई है।

Marine biologist आशा डि वोस (Asha de Vos) का कहना है कि नीली व्हेल की यह खोज हमें यह याद दिलाती है कि हमारे महासागरों की अभी पूरी तरह से खोजबीन (Research) नहीं हुई है। अब भी काफी क्षेत्र ऐसे हैं जिन्हें देखा तक नहीं जा सका है। इस अध्ययन (Study) में शामिल वैज्ञानिकों ने पहले आवाज तब रिकॉर्ड की जब वे मैडागास्कर के तट पर Omura Whale Group (ओमुरा व्हेल समूह) पर केंद्रित शोधकार्य कर रहे थे। जल्दी ही उन्हें समझ में आ गया कि वे किसी ऐसी व्हेल जनसंख्या की आवाज सुन रहे हैं जो पहले कभी नहीं सुनी गई।

Blue Whale की इस ध्वनि मुद्रण (Sound Recroding) के विश्लेषण करने वाली टीम की अगुआई करे ने वाले Dr. Salvatore Serico ने बताया की, “पहले के आंकड़ों से अलग ही व्हेल का गाना सुनना और उसके बाद उससे नीली व्हेल (Blue Whale) की पहचान (Identity) करना बहुत खास रहा। उन सारे नीले व्हेल (Blue Whale) गानों के साथ काम करते हुए यह पता लगाना कि वह वर्ष 2017 से पहले खोजे गए नीली व्हेल( Blue Whale) के समूहों से अलग है एक अलग ही रोमांच था।”

शोधकर्ताओं (Researchers) का कहना है कि शुरुआत में उन्हें लगा कि जिन व्हेलों की आवाज आ रही है वे उसी जनसंख्या समूह की हैं जो श्रीलंका के पास रहती हैं जिनका पहले से ही अध्ययन चल रहा है। इस अध्ययन (Study) के Co-author (सहलेखक) और Five Oceans Environmental Services (पाँच महासागरों पर्यावरण सेवाएँ) LLC के Andrew Wilson ने बताया कि Oman के पास उनकी रिकॉर्डिंग से पहले उनके पास Arabian Sea (अरब सागर) के कोई भी ध्वनि (Sound) आंकड़े (Record) नहीं थे।

Andrew Wilson का कहना है कि उनका काम यह दर्शाता है कि नीली व्हेल के बारे में अभी काफी कुछ जानना समझना बाकी है। और यह इस समय बहुत जरूरी है क्योंकि इस समय शिकार की घटनाओं और Maritime Industry (समुद्री उद्योंगों) के कारण इन विशाल व्हेल (Giant whale) के अस्तित्व को बहुत ही ज्यादा खतरा है।

Blue Whale का काफी शिकार (Hunting) हुआ है। वर्ष 1950 से इनकी संख्या करीब ढाई लाख से एक हजार तक आ गई है। इस वजह से ये विलुप्त्प्रायः प्रजातियों में शामिल हो गई थीं। लेकिन हाल ही में इनके शिकार और अन्य व्यवसायिक गतिविधियों (Business activities) पर पाबंदियों से इनकी संख्य़ा में कुछ सुधार हुआ है। Whale की अन्य विलुप्त्प्रायः प्रजातियों के साथ अब Blue Whale (नीली व्हेल) पर भी Environmentalists (पर्यावरणविदों) का ध्यान जाने लगा है।

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