Fresh Article

Type Here to Get Search Results !

अजूबा या आफत.. अलास्का के जंगलों में बढ़ रहा रेगिस्तान - anokhagyan.in

0
इस घटना को प्रकृति का अजूबा कहें या आफत.. अलास्का जैसे बर्फीले इलाके के जंगलों के बीच एक रेगिस्तान है. जिसे Great Cobook Sand Dunes कहते हैं. वैज्ञानिक अब इस बात से परेशान है कि इसका आकार बढ़ा रहा है. सबसे हैरानी की बात ये है कि इस रेगिस्तान का जो रेत है उस रेत का रंग अब बदलकर धीरे-धीरे अफ्रीका के सहारा रेगिस्तान की तरह Golden पीला हो रहा है. इस रेगिस्तान के धोरों की ऊंचाई बढ़कर सौ फीट तक हो चुकी है. जबकि, इसके आस-पास घने हरे जंगल, बर्फीले पहाड़ और नदियां हैं.

NASA Earth ने हाल ही में एक ट्वीट कर इस बढ़ती हुई समस्या की ओर इशारा किया है. NASA Earth के वैज्ञानिक इस बात से काफी चिंतित हैं क्योंकि इस बढ़ते रेगिस्तान की वजह से Cobul Valley National Park की Biodiversity खराब होने की आशंका है. इस इलाके के जंगलों (Forest) में रेगिस्तान की वजह से पेड़ों की संख्या अब घटने लगी है.


Great Kobuk Sand Dunes यह सबसे बड़ा रेतीला इलाका है आर्कटिक क्षेत्र का . यह आर्कटिक क्षेत्र का रेतीला इलाका करीब 78 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. इस रेतीले इलाकों के रेत के धोरों की ऊंचाई 100 फीट तक है. यह आर्कटिक सर्किल (Acartic Circle) से मात्र 56.32 Km दूर स्थित है. यह 28 हजार साल पहले के Ice Age (आइस एज) का अवशेष माना जाता है.


Ice age की बर्फ जब पिघली और आसपास के पहाड़ों की तरफ ग्लेशियर खिसके तो उनके नीचे दबे पत्थर टूट-टूटकर और रगड़ खाकर रेत बन गए. ये सब आकर अलास्का के Cobul Valley National Park में जमा हो गए. इस ग्लेशियर के नीचे दबे पत्थरों से 2 लाख एकड़ का इलाका पूरी तरह से ढंक गया था. अब यहां पर तीन बड़े रेतीले इलाके हैं. सबसे बड़ा ग्रेट Kobuk Sand Dunes और दो छोटे Little Kobuk Sand Dunes और Hunt river sand dunes।


धीरे-धीरे समय बदलने के साथ-साथ पेड़-पौधे उगने लगे. जंगल बन गया. अब ये रेतीला इलाका घटकर 16 हजार एकड़ के आस-पास में रह गया. जंगल बढ़े तो यह और कम हो गया. लेकिन इस बीच Global warming (वैश्विक तापमान) की वजह से अब यह फिर से फैल रहा है. जिसकी वजह से Cobul Valley National Park के जंगलों को नुकसान हो रहा है.


इन रेत के धोरों और जंगलों (Forests) में ग्रिजली भालू, लोमड़ी, काले भालू, भेड़िये, शाही और विभिन्न प्रकार के हिरण वगैरह रहते हैं. Kobuk Valley के आसपास लोग आठ हजार वर्षों से रहते आ रहे हैं. शुरुआत में ये लोग Kobuk नदी से भरपूर मछलियां पकड़ते थे. अब ऐसा नहीं होता. अब यहां सिर्फ कुछ स्थानीय लोग, पर्यटक और पर्यावरणविद ही यहां जाते हैं.

हैरानी की बात ये है कि आर्कटिक क्षेत्र (Arctic region) में होने के बावजूद इन रेतीले धोरों का गर्मियों में तापमान  37℃ से 40℃ तक चला जाता है. जबकि, जंगलों (Forests) और आसपास के पहाड़ों का तापमान कम रहता है. सबसे बड़ी दिक्कत कि बात यह है की इस इलाके में समूह में जाना तो ठीक है, लेकिन यहां अकेले में घूमना खतरे से खाली नहीं है.

Post a Comment

0 Comments