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1 जनवरी को ही नए साल का जश्न क्यों मनाया जाता है - anokhagyan.in

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पूरी दुनिया में 1 जनवरी को नए साल का जश्न मनाया जाता है। और कल नए साल का सुभारम्भ होने जा रहा है. तो हमारी टीम Anokhagyan.In  की तरफ से आपको और आपके परिवार से सभी सदस्यों को नव वर्ष  हार्दिक सुभकामनाएं।


1 जनवरी को ही नए साल का जश्न क्यों मनाया जाता है - anokhagyan.in

लेकिन क्या आपलोगों ने कभी सोचा है कि जनवरी ही साल का पहला महीना क्यों है? या फिर एक जनवरी से ही क्यों साल की सुरुआत होती है?

दरअसल, इसके पीछे का कारण यह है कि जनवरी, रोमन कैलेंडर के अनुसार साल का पहला महीना है। इस रोमन कैलेंडर को रोमन सम्राट जूलियस सीज़र ने 2,000 वर्ष पहले शुरू किया था।

लेकिन आप इस कलेंडर का श्रेय केवल जूलियस सीज़र (Julius caesar) को नहीं दे सकते, इस कलेंडर का श्रेय ग्रेगोरिया तेरहवें पोप (Gregoria XIII Pope) को भी दिया जा सकता है।

1 जनवरी को ही नए साल का जश्न क्यों मनाया जाता है - anokhagyan.in

दरअसल, बात यह है कि प्राचीन रोमन में जनवरी एक बहूत ही महत्वपूर्ण महीना था क्योंकि यह जनवरी महीना प्राचीन रोमन के ईश्वर जेनस के नाम पर रखा गया था।

रोमन परंपराओं के अनुसार Roman के God (ईश्वर) Janus को दो चेहरों (Two faces) यानी 'शुरुआत और ख़त्म' का भगवान कहा जाता है।

University of Birmingham, England के Professor Diana Spencer का कहना हैं की, "यह एक साथ आगे और पीछे, दोनो वक़्त (समय) को देखने से जुड़ा है। ये भी कहा जा सकता हैं कि साल (Year) में कोई मौक़ा ऐसा हो जब कोई फ़ैसला (Decision) लेना हो तो हम यहीं से शुरुआत कर सकते हैं।"

जनवरी को साल का प्रथम महीना बनाए जाने के पीछे ये बात Logical लगती है। ये उस समय का वक़्त होता है जब यूरोप में दिनों की लंबाई दक्षिणायण (Dakshinayan) के बाद बढ़नी शुरू होती है।

Professor Spencer का यह कथन है कि, "रोम (Rome) में जनवरी के दिनों को बेहतर अंदाज़ में लिया जाता था क्योंकि छोटे और अंधेरे दिन ख़त्म हो जाते थे। और वो ठंडा मौसम (Cold Weather) भी जिसमें कुछ नहीं उपजता था, लेकिन उन दिनों का reflection मौजूद रहता था।"

जैसे-जैसे रोमन साम्राज्य (Roman Empire) शक्तिशाली होते गए उन्होंने अपने कैलेंडर को बढाना शुरू कर दिया।

★ Christian vs. Roman (ईसाईयत बनाम रोमन)


1 जनवरी को ही नए साल का जश्न क्यों मनाया जाता है - anokhagyan.in

लेकिन मध्यकाल (Medieval) में रोमन साम्राज्य (Roman Empire) का पतन हो गया तब दुनिया भर में Christian का दबदबा बढ़ना शुरू हो गया।


जिन भी देशों में Christian का दबदबा है, वो सारे देश 25 मार्च को नए साल का जश्न मनाना चाहते थे। रोमन कैथोलिक मान्यताओं (Roman Catholic beliefs) में इसका कारण यह बताया गया है कि विशेष दूत गैबरियल (Messenger gabalial) ने वर्जिन मैरी (Virgin Mary) को इस दिन ही संदेश दिया था कि उन्हें ईसा को जन्म देना है।

Professor Spencer बताती है की, "क्रिसमस तो उस वक़्त मनाया जाता था जब ईसा का जन्म हुआ है, लेकिन इसका एलान तो मार्च के महीने में ही हुआ था कि मैरी God (ईश्वर) के नए अवतार को जन्म देने वाली हैं। यह वो वक़्त था जहां से ईसा की कहानी शुरू हुई, तो नए वर्ष का जश्न मनाने के लिए ये ठीक वक़्त था।"

ब्रिटेन में नया साल कब मनाया जाता था?


16 वीं शताब्दी में Pope Gregory XIII ने ग्रेगोरियन कैलेंडर (Gregorian calendar) की शुरुआत की और 1 जनवरी को साल का पहला दिन बनाया गया और ये रोमन कैथोलिक (Roman catholic) देशों में भी मान्य हो गया।

लेकिन पोप की बातों को मानने से ब्रिटेन ने मना या इनकार दिया और वर्ष 1752 तक ब्रिटेन के निवासी 25 मार्च को ही नए साल का जश्न मनाया करते थे।

Brexit से सालों पूर्व (पहले) 1752 में इंग्लैंड की संसद (Parliament of england) में इस बात पर सहमति बनी थी कि ब्रिटेन को नए साल की शुरुआत के मामले में बाक़ी यूरोपीय देशों (European countries) के साथ चलना होगा और इसके बाद वहां भी 1 जनवरी को नए साल का जश्न मनाया जाने लगा।

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