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भगवान शिव से जुड़ी है मंगल ग्रह की उत्पत्ति और उसके लाल रंग होने का कारण - anokhagyan.in

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हेलो दोस्तों, मेरा नाम सूरज सिंह "राजा" है। आज हम लोग बात करने वाले हैं मंगल ग्रह के बारे में, कि किस प्रकार मंगल ग्रह की उत्पत्ति हुई और इस ग्रह का लाल रंग होने के पीछे क्या कारण है?

ऐसा कहा जाता है कि मंगल ग्रह का उद्भव उज्जैन (मध्यप्रदेश) में हुआ था। पुराणों की मानें तो स्कंद पुराण के अवंतिका खंड के अनुसार अंधकासुर नाम के दैत्य को भगवान शिव से वरदान मिला था कि उसके रक्त या खून से सैकड़ों दैत्य जन्म ले सकते हैं।

वरदान प्राप्ति के बाद अंधकासुर ने खूब विध्वंस मचाया विध्वंस को रोकने के लिए तब भगवान शिव ने खुद अंधकासुर से युद्ध किया।

आप लोग यह जानते हैं कि मंगल ग्रह का रंग लाल है लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि यह ग्रह लाल क्यों है? इसका निर्माण कैसे हुआ? यह प्रश्न आपके मन में हमेशा उठती रहती है, तो चलिए इसका जवाब आज हम आप लोगों को देते हैं..

क्या आप लोग जानते हैं कि इस ग्रह की उत्पत्ति और इसके लाल रंग के पीछे भगवान शिव का हाथ है। आप लोग यह नहीं जानते होंगे। इसी कारण से मंगल को शिव व पृथ्वी का पुत्र कहा जाता है। क्योंकि इन्हीं के कारण ही मंगल ग्रह अस्तित्व में आया।

ऐसा उस समय क्या हुआ था?


इस प्रकार हुई मंगल ग्रह की उत्पत्ति

ऐसा कहा जाता है कि मंगल ग्रह का उद्भव उज्जैन (मध्यप्रदेश) में हुआ था। यह बातें तो आपको पहले ही बता दिया था कि पुरानो की माने तो, स्कंद पुराण के अवंतिका खंड के अनुसार अंधकासुर नाम के दैत्य को भगवान शिव से वरदान मिला था कि उसके रक्त से सैकड़ों दैत्य जन्म ले सकते हैं।

वरदान प्राप्ति के बाद इस दैत्य ने खूब विध्वंस मचाया, तब विध्वंस को रोकने के लिए भगवान शिव ने खुद अंधकासुर से युद्ध किया।

युद्ध के दौरान भगवान शिव के शरीर से पसीना बहने लगा। उसी पसीने की बूंद की गर्मी से उज्जैन की धरती फट कर दो भागों में विभाजित या बंट गई और इस प्रकार मंगल ग्रह का जन्म हुआ

युद्ध के दौरान भगवान शिव ने अंधकासुर का वध किया, तो उसकी रक्त (खून) की बूंदों को नव (नये) उत्पन्न मंगल ग्रह ने अपने अंदर समा लिया।

मंगल ग्रह ने ऐसा इसलिए किया ताकि और दैत्यों का जन्म ना हो सके। इसीलिए कहा जाता है कि मंगल ग्रह की धरती इतनी लाल है।

मंगलनाथ मंदिर की स्थापना


जिस जगह (स्थान) पर मंगल ग्रह की उत्पत्ति हुई, उसी जगह पर मंगल ग्रह को समर्पित एक मंदिर है, जिसका नाम है मंगलनाथ मंदिर। इसी जगह पर मंगल देव का जन्म हुआ था। इसलिए इस मंदिर को बहुत मान्यता है। 

उज्जैन के मंगलनाथ मंदिर को दैवीय गुणों से भरपूर माना जाता है। इस मंदिर में मंगल की उपासना भगवान शिव के रूप में की जाती है, क्योंकि मंगल की उत्पत्ति भगवान शिव के ही कारण हुई।

उज्जैन के इस मंदिर में मार्च के अंगारक चतुर्थी के दिन खास पूजा का विधान चलता आ रहा है।

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