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वायु क्या है? वह हमारे लिए क्यों आवश्यक है? - anokhagyan.in

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वायु(Air)

वायु हमारे चारों ओर सभी स्थानों पर पाई जाती है। वायु सजीवों के लिए काफी ज्यादा आवश्यक है। वायु जिसमे हम सांस लेते है, रंगहीन एवं पारदर्शी होने के कारण हमें दिखाई नही देती। यह सभी जानते है कि बिना वायु के सजीव का जीवित रहना मुमकिन नही है। पृथ्वी पर वायु के कारण ही जीवन संभव है,अन्यथा पृथ्वी भी सौरमंडल के अन्य ग्रहों की तरह निर्जीव होती। पदार्थों के जलने श्वसन एवं प्रकाश संश्लेषण जैसी अनेक क्रियाओं के लिए वायु आवश्यक है।

वायु की संरचना

सजीवों को अलग-अलग वर्गों में बाँटा गया है। मनुष्य, वृक्ष ये दोनों अलग-अलग प्रकार के वायु के घटकों के आश्रय पर जीवित है। मनुष्य को जीवित रहने के लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है। पेंड़-पौधों को जीवित रहने के लिए कार्बन डाइऑक्साइड की ज़रुरत होती है।

वायु का निर्माण

वायु का निर्माण अलग-अलग गैसों से मिलकर हुआ है,जो इस प्रकार है-

नाइट्रोजन   

नाइट्रोजन एक रासायनिक तत्व है यह गैस निष्क्रिय और एक भारी प्रवृत्ति की गैस होती है। जिसका प्रतीक N है। इसका परमाणु क्रमांक 7 है।
नाइट्रोजन का चक्रण मृदामण्डल, वायुमंडल, जैवमण्डल में होता है। यह वायुमंडल की सबसे बड़ी गैस है, जो पृथ्वी के वायुमंडल का लगभग 78 प्रतिशत नाइट्रोजन ही है। यह एक रंगहीन,गन्धहीन, स्वादहीन और प्रायः अक्रिय गैस है। नाइट्रोजन की खोज 1773 में  स्कॉटलैंड के वैज्ञानिक डेनियल रदरफोर्ड ने की थी।

ऑक्सीजन

ऑक्सीजन रंगहीन,स्वादहीन तथा गंधरहित गैस है। यह वायुमंडल की दूसरी बड़ी गैस है। ऑक्सीजन की खोज 1772 ईसवीं में कार्ल शीले ने पोटैशियम नाइट्रेट को गर्म करके ऑक्सीजन गैस तैयार किया,लेकिन उनका यह कार्य सन 1777 ईसवीं में प्रकाशित हुआ। सन 16CE में जोसेफ प्रिस्टले ने मर्क्युरिक-आक्साइड को गर्म करके ऑक्सीजन गैस तैयार किया। वायुमंडल में ऑक्सीजन की मात्रा लगभग 20.95% है। ऑक्सीजन भूपपर्टी पर सर्वाधिक मात्रा लगभग 46.6% में पाया जाने वाला तत्व है।

ऑर्गन

यह एक निष्क्रिय गैस है। यह वायुमंडल की तीसरी सबसे बड़ी गैस है। औसतन पृथ्वी की वायु का 0.93% ऑर्गन है। ऑर्गन कार्बन डाइऑक्साइड से 23 गुना और नियोन से 500 गुना अधिक मात्रा में वायुमंडल में उपस्थित है।


कार्बन डाइऑक्साइड

कार्बन डाइऑक्साइड का निर्माण ऑक्सीजन के दो परमाणु तथा कार्बन के एक परमाणु से मिलकर हुआ है।वायुमंडल में यह गैस 0.03% से 0.04% तक पाई जाती है। कार्बन डाइऑक्साइड गैस को ग्रीन हाउस गैस भी कहते है।


हाइड्रोजन

हाइड्रोजन बड़ी अल्प मात्रा में वायु में पाया जाता है। पृथ्वी पर संयुक्त दशा में यह जल,पेंड़-पौधों, जांतव ऊतक, काष्ठ, अनाज, तेल, वसा,पेट्रोलियम प्रत्येक जैविक पदार्थ में पाया जाता है। क्षारों और कार्बनिक यौगिकों में भी पाया जाता है। हाइड्रोजन सम्पूर्ण वायुमण्डल के 0.01% भाग में स्थित है।

निऑन

निऑन एक रासायनिक तत्व है। यह सम्पूर्ण वायुमंडल में कुल 0.0018% भाग में स्थित है। इसका परमाणु क्रमांक 10 है।

हिलीयम

यह एक निष्क्रिय गैस या नोवेल गैस है। इसका परमाणु क्रमांक 2 है। यह सम्पूर्ण वायुमंडल में कुल 0.00005% भाग में स्थित है। हीलियम का प्रयोग पदार्थों को अत्यंत कम ताप तक ठंडा करने के लिए किया जाता है।

क्रिप्टॉन

यह एक रासायनिक तत्व है। इसका परमाणु क्रमांक 36 है। इसका प्रयोग बिजली के बल्ब, फोटोग्राफी तथा लेजर बनाने में किया जाता है। यह वायुमंडल में कुल 0.00001% भाग में स्थित है।

जेनॉन

सर्वाधिक यौगिक बनाने वाला अक्रिय गैस है। इसका प्रयोग किसी काम मे नही होता है।

रेडान

यह एक रेडियोसक्रिय तत्व है। इसका उपयोग फोड़ों और न ठीक होने वाले घावों के इलाज में काम आती है।

                         वायु के प्रकार

पौराणिक कथाओं और ग्रंथों के अनुसार वायु को 7 भागों में बाँटा गया है-

 1.प्रवह-पृथ्वी को लांघकर मेघमण्डल पर्यंत जो वायु स्थित है,उसका नाम प्रवह है।

2.आवह-आवह सूर्यमंडल में बंधी हुई है। उसी के द्वारा ध्रुव से आबद्ध होकर सूर्यमंडल घुमाया जाता है।

3.उद्धह-यह वायु चंद्रलोक में प्रतिष्ठित है।

4.संवह-यह वायु नक्षत्र मंडल में स्थित है।

5.विवह-यह वायु ग्रहमंडल में स्थित है।

6.परिवह-यह वायु सप्तर्षिमंडल में स्थित है।

7.परावह-यह वायु ध्रुव में आबद्ध है।

संदर्भ-स्कंदपुराण

प्रस्तुति-शतायु

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