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Human Population 2022: 15 नवंबर तक 8 बिलियन के पार होगी इंसानों की आबादी, क्या हमारी धरती झेल पाएगी यह बोझ?

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Population explosion: पृथ्वी पर तेजी से बढ़ती जनसंख्या को देख वैज्ञानिकों ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है कि आने वाले 15 नवंबर को धरती की जनसंख्या 8 बिलियन यानी 800 करोड़ तक पहुंच जाएगी. एक्सपर्ट्स इस असमंजस में हैं कि क्या हमारी धरती इंसानों की इस बढ़ती आबादी को संभाल सकती है?


Population explosion Impact on Earth: पृथ्वी पर मानवों को बढ़ती आबादी हमेशा से चिंता का विषय रही है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आने वाली 15 तारीख को यानी 15 नवंबर के दिन हमारी धरती की आबादी करीब 800 करोड़ तक पहुंचने वाली है. एक्सपर्ट के अनुसार पिछले 12 सालों में इंसानों की आबादी में करीब 100 करोड़ की बढ़ोतरी देखने को मिली है.

आज से ठीक 12 साल पहले तक इंसानों की आबादी करीब 700 करोड़ थी, जो अब बढ़कर 800 करोड़ तक पहुंचने वाली है. इंसानों की इस बढ़ती आबादी के साथ - साथ एक बड़ा सवाल ये है कि क्या इंसानों के बढ़ते बोझ को ये धरती संभाल पाएगी? वास्तव में इस सवाल का संबंध धरती के उन संसाधन से है जिनका इस्तेमाल इंसानों द्वारा किया जाता है.

★ जनसंख्या बढ़ने की दर हुई है कम (The rate of population growth has slowed down)

बीतें कुछ सालों के रिकॉर्ड पर अगर नजर डालें तो इंसानों की बढ़ती आबादी के दर में गिरावट दर्ज की गई है लेकिन UN DESA की world population prospects 2022 की रिपोर्ट पर नजर डालें तो  साल 2037 तक इंसानों की जनंसख्या 900 करोड़ को पार कर जाएगी और उसके बाद साल 2058 तक इंसानों की यह जनसंख्या बढ़ते हुए करीब 1000 करोड़ तक पहुंच जाएगी. 

इस जनसंख्या विस्फोट से इंसानों के सामने कई तरह की चुनौतियां आने वाली हैं. भविष्य में हजार करोड़ की आबादी को जिंदा रहने के लिए कई तरह के चैलेंजों का सामना करना पड़ेगा. हमारी इस धरती पर संसाधन सीमित हैं. क्या इतने सीमित संसाधनों के इस्तेमाल से लोग धरती पर अपना जीवन यापन कर सकते हैं?

★ जिन देशों में प्रजनन दर ज्यादा, वहां खतरा ज्यादा (Countries where the fertility rate is high, the risk is high)

population fund की हेड नटालिया कानेम का कहना हैं कि इंसानों की बढ़ती आबादी की चिंता उन देशों में सबसे ज्यादा होने वाली है, जहां की प्रजनन दर अधिक है. क्योंकि इंसान डायरेक्ट या इंडायरेक्ट तौर पर जिन प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भर है जैसे जंगल, जल और जमीन. इसे लेकर भविष्य में एक बड़ा संघर्ष उन लोगों के बीच देखने को मिलने वाला है. 

अगर इंसान अपने स्वार्थ की तरफ ध्यान देते हुए जमीन के लिए अगर जंगलों की कटाई करते है तो यह बड़ी प्राकृतिक आपदाओं को घर में बुलाने जैसा होगा. क्योंकि जंगलों की कटाई से कार्बन उत्सर्जन बढ़ेगा जिसके कारण धरती पर ग्लेशियर पानी में बदलेंगे और ग्लोबल वार्मिंग का खतरा बढ़ने लगेगा. इंसानों की बढ़ती ये विशाल आबादी ग्रीन हाउस गैस का कारण बनेगी जिससे समुद्र का जलस्तर तेजी से बढ़ेगा. ऐसे कई बड़े खतरे आने वाले समय में देखने को मिलेंगे.


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