इंसानों के पत्थर बनने की यह घटना पोम्पई शहर की है। हेलो दोस्तों आज हमलोग एक ऐसी घटना के बारे में बाते करने जा रहे है जिसे पढ़ आपलोगों को भी इस बात पे यकीं नबी होगा, लेकिन ये घटना सच है। तो चलिए आज हमलोग पोम्पई शहर के बारे में बाते करते हैं।
नैपल्स की खाड़ी (इटली) में स्थित ज्वालामुखी का लावा तेजी से बहता हुआ पोम्पई शहर आ पहुंचा और मिनटों में उस शहर की पूरी आबादी को खत्म कर दिया। वर्ष 1748 में कुछ सैलानी वहां पहुंचे तो वहां उन्होंने देखा कि पूरे शहर में पत्थर की मूर्तियां ही मूर्तियां हैं। ये मूर्ति कोई पत्थर की मूर्ति नही बल्कि वे वही लोग थे, जिन्हें ज्वालामुखी के लावे ने मार दिया था।
पत्थर की मूर्तियों वाला ये शहर आज UNESCO World Heritage (यूनेस्को विश्व विरासत) में शामिल है।
वो ज्वालामुखी जिसने पूरे शहर को खत्म कर दिया
माउंट वेसुवियस नामक ये ज्वालामुखी नेपल्स की खाड़ी में स्थित है। ये ज्वालामुखी अब तक 50 से अधिक बार फट चुका है। लेकिन इस ज्वालामुखी का सबसे खतरनाक विस्फोट आज से लगभग 1900 वर्ष पहले 79 A.D में हुआ था। इस ज्वालामुखी का बहता हुआ लावा बाढ़ में उफनती नदी की तरह शहर की ओर बढ़ चला था। इतनी अधिक गर्मी होने से शहर के लोगों का खून उबलने लगा था और तुरंत ही उनकी मौत हो गई।
इसके बाद से ये पोम्पई शहर वीरान पड़ा रहा। जब इस पोम्पई शहर की खोज हुई तो पाया गया कि शहर के लोग जस के तस अलग-अलग स्थान में पड़े हुए हैं। जैसे किसी काम करते व्यक्ति की काम के दौरान ही अपनी जगह पर मौत हो गई। एक बैठे हुए बच्चे ने उसी अवस्था में बैठे हुए दम तोड़ दिया। यानी उस ज्वालामुखी के लावे की गति इतनी तेज रही होगी कि न किसी को संभलने, न भागने या फिर न एक जगह इकट्ठा होने तक का वक्त नहीं मिला।
★ प्राचीन पोम्पई शहर की में जिंदगी कैसी थी?
पोम्पई शहर करीब 170 एकड़ में फैला हुआ था। पोम्पई शहर उस समय इटली का Vacation Spot (अवकाश स्थान) था। दूर-दूर से लोग इस पोम्पई शहर में घूमने के लिए आते थे। पहाड़ों से 5 मील की दूरी पर बसे इस पोम्पई शहर में सैलानियों के कारण सारी आधुनिक सुविधाएं थीं। जैसे इस शहर में एक बड़ा बाजार था जहां मांस, फल, सब्जियां आदि जैसी चीजें मिलतीं थी। कई Restaurants (रेस्त्रां) थे, यहां तक कि कई Theater (थिएटर) और एक होटल भी था।
History website के अनुसार इस पोम्पई शहर में एक से बढ़कर एक खूबसूरत घर थे और यहां की सड़कें भी आधुनिक तरीके से बनी हुई थीं। सैलानियों के लिए यहां Bath House (स्नानगृह) और Brothel (वेश्यालय) भी थे। इतिहासकारों के अनुसार जब वह ज्वालामुखी फटा तब शहर में 12,000 के आसपास की आबादी रही होगी यानी उस दौर के हिसाब से पोम्पई काफी घनी आबादी वाला शहर था।
पत्र में लिखा हुआ है ऑंखोंदेखा
वैसे यह माउंट वेसुवियस ज्वालामुखी रातोंरात नहीं बना था। इस ज्वालामुखी के बारे में शहर के लोगों को पहले से मालूम था। लेकिन यहां कभी-कभी छोटे-मोटे विस्फोट होते रहते थे, लिहाजा लोगों को उसके आस-पास रहने में कोई खतरा मालूम नहीं होता था।
79 A.D. में जब यह माउंट वेसुवियस ज्वालामुखी भयंकर तरीके से फटा, तब अक्टूबर का महीना था। माउंट वेसुवियस के फटते ही आसमान धूल, राख, धुंए और गर्म पत्थरों से भरने लगा। सैकड़ों मील दूर बसे हुए लोगों को भी ये अच्छी तरह दिखाई दे रहा था।
प्राचीन रोम के लेखक Pliny the Younger ने इस घटना की दूर से होते हुए इसे देखा और उन्होंने मान लिया कि ये दुनिया खत्म हो रही है। बाद में लिखी उनकी चिट्ठियों में इसका बात का जिक्र मिलता है।
ज्वालामुखी के फटने के कारण पायरोक्लास्टिक उछाल हुआ यानी की उस ज्वालामुखी की धूल और चट्टानें 100 मील प्रति घंटे की रफ्तार से चलने लगी और हर चीज इनके नीचे दब गई। रातभर में पूरा पोम्पई शहर लावे के नीचे दब गया था।
हालांकि ज्वालामुखी के फटने के इस घटना से शहर के बाहर के लोग भी इसमें मारे गए और इतिहासकारों के अनुसार कुल मिलाकर 16,000 से ज्यादा जानें इस ज्वालामुखी के फटने से गईं। 16,000 के इन आंकड़ों में पड़ोसी शहर हरकुलेनियम की आबादी भी शामिल थी।
इस घटना के सदियों बाद तक इस शहर की किसी ने Improvement (सुध) नहीं ली। वर्ष 1748 में पोम्पई शहर में कुछ युवा सैलानी पहुंचे और इंसानों के पत्थर बने शरीरों को देखकर हैरान रह गए। यहां की इमारतें वैसी की वैसी ही थीं। वहां के लोगों के Skeleton (कंकाल) उसी अवस्था में थे, जैसे वो ज्वालमुखी का लावा आने से पहले रहे होंगे। इतना ही नही सड़कों पर ब्रेड और सब्जियां तक पत्थर में दबे हुए मिले।
ऐसा माना जाता है कि शहर की बरामदगी के बाद यूरोपभर में उस शहर की वास्तुकला की नकल की गई। अब भी यूरोप के अमीर घरों में “Etruscan rooms” (Etruscan कमरे) होते हैं, जो पोम्पई शहर के घरों की नमूने पर बनाए जाते हैं। ये Antique (प्राचीन) होते हैं और इनमें काफी आध्यात्मिक शक्ति मानी जाती है, जो यहां रहने वालों को हमेशा संपन्न और सेहतमंद बनाए रखती है।
आप सब का अनोखा ज्ञान पे बहुत बहुत स्वागत है.