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ब्रह्मांड में तापमान 10 गुना बढ़ गया - anokhagyan.in

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वैज्ञानिकों के मुताबिक, ब्रह्मांड में गैसों का औसत तापमान पिछले 10 अरब सालों में 10 गुना से ज्यादा बढ़ गया है।

वैज्ञानिकों के अध्ययन के मुताबिक आज तापमान लगभग 20 लाख डिग्री केल्विन तक पहुंच गया है।

ब्रह्मांड में इस बढ़ते तापमान को लेकर वैज्ञानिकों ने बड़ी चिंता जाहिर की है। वैज्ञानिकों का कथन है कि इस तरह लगातार बढ़ता तापमान न केवल धरती बल्कि पूरे ब्रह्मांड के लिए चिंता का विषय है।

ओहायो स्टेट यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर कॉस्मोलॉजी और एस्ट्रोपार्टिकल फिजिक्स द्वारा किए गए अध्ययन के मुताबिक, ब्रह्मांड का तापमान गतिशील रूप से बढ़ता ही जा रहा है।

पिछले 10 अरब सालों में ब्रह्मांड (Universe) के थर्मल हिस्ट्री (Thermal History) की जांच करने के बाद यह निष्कर्ष निकाला गया है।

वैज्ञानिकों के मुताबिक पिछले 10 अरब सालों में ब्रह्मांड में गैसों का औसत तापमान 10 गुना से अधिक बढ़ गया है। वैज्ञानिकों ने शोध में यह निष्कर्ष निकाला है कि आज तापमान लगभग 20 लाख डिग्री तक पहुंच गया है।

यह तापमान लगभग 4 मिलियन डिग्री फॉरेनहाइट है।

शोधकर्ता फेलो यी कुआन चियांग के मुताबिक, तापमान का नया मापन वर्ष 2019 में फिजिक्स में नोबेल प्राइज प्राप्त वैज्ञानिक जीम पीबल्स द्वारा प्रभावशाली कार्यों को सही साबित करता है।

वैज्ञानिक जिम पिबल्स ने अपने सिद्धांत में समझाया था कि ब्रह्मांड में बड़े पैमाने पर संरचना कैसे बनती है।

अध्ययन में यह बताया गया है कि यूनिवर्स के विकास के साथ गुरुत्वाकर्षण बल स्पेस में काले पदार्थ और गैस को एक साथ अकाशगंगाओं में और आकाशगंगाओं के समूह में खींचता है। इसी प्रक्रिया से निकलने वाली एनर्जी या ऊर्जा से इतनी गर्मी उत्पन्न हो रही है।

वैज्ञानिकों ने इस शोध का संचालन करने के लिए धरती से दूर गैस के तापमान को मापने के लिए एक नई विधि का इस्तेमाल किया। फिर वैज्ञानिकों द्वारा उन मापों की तुलना धरती के नजदीक और वर्तमान समय में मौजूद गैसों से की गई।

दो अलग-अलग घटनाएं ब्रह्मांड में हो रही है


वैज्ञानिकों का कहना है कि ब्रह्मांडिय संरचना के गुरुत्वाकर्षण बल के कारण यूनिवर्स समय के साथ ज्यादातर या अधिक गर्म हो रहा है और भविष्य में इसके और बढ़ने की संभावना नजर आ रही है।

यूनिवर्स के तापमान में वृद्धि कैसे हुई, यह देखने के लिए प्लैंक और स्लोअन डिजिटल स्काई सर्वे के डेटा का उपयोग किया गया है।

इस अध्ययन के प्रमुख लेखक का कहना है कि आकाशगंगा और संरचना के गठन की प्रकृतिक प्रक्रिया के कारण यूनिवर्स गर्म हो रहा है। उनका कहना है कि ये दोनों घटनाएं बहुत अलग-अलग पैमाने पर हो रही है, जिनका आपस में कोई संबंध नहीं है।


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