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वायु प्रदूषण (Air pollution) क्या है? प्रभाव तथा इसे कैसे रोका जा सकता है?

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वायु प्रदूषण(Air pollution)

वायु सभी मनुष्यों, जीवों तथा वनस्पतियों के लिए अत्यंत आवश्यक है। मनुष्य जल और भोजन के बिना जीवित कुछ दिनों के लिए रह सकता है, किंतु वायु के बिना नहीं। मनुष्य प्रतिदिन 22000 बार सांस लेता है। वह 1 दिन में 16 किलोग्राम या 35 गैलन वायु ग्रहण करता है।

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हमारे वायुमंडल में विभिन्न गैसों का मिश्रण है, जिसमें नाइट्रोजन, ऑक्सीजन, कार्बन डाइऑक्साइड, हाइड्रोजन, हिलियम, ऑर्गन, नियॉन, क्रिप्टान, जेनॉन, ओजोन आदि। श्वसन के लिए ऑक्सीजन जरूरी है।

जब कभी वायु में कार्बन डाइऑक्साइड नाइट्रोजन के ऑक्साइडों की वृद्धि हो जाती है,तो ऐसी वायु को प्रदूषित वायु तथा इस प्रदूषण को वायु प्रदूषण कहते हैं।


प्रदूषक

वायु में प्राकृतिक रूप से नहीं पाए जाने वाला तत्व या अधिक सांद्रता के साथ या सामान्य से अलग तत्वों को प्रदूषक कहा जाता है।


प्रदूषक को दो भागों में बांटा गया है-

1.प्राथमिक प्रदूषक- वे तत्व जो सीधे एक प्रक्रिया से उत्सर्जित होते हैं,जैसे ज्वालामुखी विस्फोट से राख,कारखानों से निकलने वाली सल्फर डाइऑक्साइड।

2.द्वितीयक प्रदूषक- यह प्रदूषक सीधे उत्सर्जित नहीं होता है। बल्कि प्राथमिक प्रदूषक जब आपस में क्रिया या प्रतिक्रिया करते हैं तब वे वायु में बनते हैं।

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वायु प्रदूषण कैसे होता है?

वायु प्रदूषण के कुछ सामान्य कारण- ज्वालामुखी विस्फोट,तेल शोधन कारखानों से निकलने वाला धुआं,औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाला धुआं तथा रसायन,जंगलों में पेड़ पौधों के जलने से तथा वाहनों से निकलने वाला धुआं आदि।


वायु प्रदूषण के स्रोत

वायु प्रदूषण के स्रोतों को दो भागों में बांटा गया है-

1. प्राकृतिक स्रोत- आंधी तूफान के समय उड़ती धूल, पशुओं द्वारा भोजन के पाचन के कारण उत्सर्जित मिथेन, वनों में लगी आग से उत्पन्न धुआँ एवं कार्बन डाइऑक्साइड, पृथ्वी की पपड़ी नष्ट होने से रेडियोधर्मी क्षय से उत्पन्न रेडॉन गैस, कवक से उत्पन्न जीवाणु एवं वायरस आदि, बैक्ट्रिया से मिमुर्क्त कार्बन डाइऑक्साइड।

2. मानवीय स्रोत- बिजली संयंत्रों की चिमनियाँ, सामान्य तेल शोधन तथा औद्योगिक गतिविधि, कृषि और वाणिकी  प्रबंधन में रसायन, धूल उड़ने और नियंत्रित दहन की पद्धतियां, घरेलू कार्यों में दहन, वाहनों में दहन ताप विद्युत उर्जा हेतु दहन आदि।

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क्या वायु प्रदूषण का कारण बनता है?

वाहनों तथा फैक्ट्रियों से निकलने वाली गैसों के कारण वायु प्रदूषित होती है।

वायु प्रदूषण कितने प्रकार के होते हैं?

वायु प्रदूषण के प्रकार-सल्फर डाइऑक्साइड,लौह कण,कार्बन डाइऑक्साइड ,कार्बन मोनोऑक्साइड,नाइट्रोजन ऑक्साइड,हाइड्रोकार्बन आदि।

वायु प्रदूषण के प्राकृतिक स्रोत

ज्वालामुखी विस्फोट,दलदल,ऑक्सीकरण,जंगल कि  आगें,फूलों,बीजाणुओं के पराग कण आदि।

वायु प्रदूषण क्या है यह मानव जीवन को किस प्रकार प्रभावित करता है?

एक ऐसा प्रदूषण जिसके कारण मानव स्वास्थ्य रोज ब रोज खराब होता चला जा रहा है। WHO के अनुसार हर साल 2 से 4 लाख लोगों मौत का कारण सीधे-सीधे वायु प्रदूषण है। दुनिया में हर साल मोटर गाड़ी से होने वाली मौतों की तुलना में वायु प्रदूषण से होने वाली मौतें अधिक है।

वायु प्रदूषण के प्रत्यक्ष कारण से जुड़ी मौतों में शामिल है- अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, वातस्फीति, फेफड़ों, हृदय रोग और सांस की एलर्जी।

वायु प्रदूषण को कैसे रोका जा सकता है?

धूम्रपान न सिर्फ स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है,बल्कि इसकी वजह से वायु भी प्रदूषित होती है। धूम्रपान ना करने से वायु प्रदूषण को कम करके पर्यावरण को बचाया जा सकता है। आज प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण वाहनों की बढ़ती जनसंख्या है। ऐसे में वायु प्रदूषण को रोकने के लिए वाहनों का सही से ख्याल रखें और साथ में समय-समय पर प्रदूषण की जांच करवाते रहे। पर्यावरण को बचाने के लिए अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाएं।

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