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हमारे गैलेक्सी में हो सकते है 30 करोड़ बसने योग्य ग्रह - anokhagyan.in

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हेलो दोस्तों आज आप सबका फिर से स्वागत है. आज हमलोग जानेगें गैलेक्सी के अंदर 30 करोड़ बसने योग्य ग्रहों के बारे में.

शोधकर्ताओं ने हमारी गैलेक्सी में केप्लर स्पेस टेलीस्कोप के आंकड़ों को मिलाकर यह पाया है कि हमारी गैलेक्सी के 30 करोड़ ऐसे ग्रह होंगे, जहां पर जीवन की अनुकूलता मुमकिन हो सकती है।

हमारे खगोलविद काफी लंबे समय से बाह्यग्रहों का अध्ययन कर उन बाह्यग्रहों में जीवन के संकेतों का खोज कर रहे हैं।

नासा के केप्लर अभियान का प्रमुख उद्देश्य यही है कि सूर्य के जैसे तारों के पथरीले ग्रहों की खोज करना और उनमें जीवन के संकेतों को खोजना।

हमारी गैलेक्सी में जीवन योग्य कितनी है ग्रहों की संख्या?


वैज्ञानिकों ने हमारी गैलेक्सी में केप्लर स्पेस टेलीस्कोप के आंकड़ों को मिलाने पर यह पाया है कि हमारी गैलेक्सी में जीवन की अनुकूलता योग्य ग्रहों की संख्या करोड़ों में है।

इस अध्ययन से शोधकर्ताओं ने यह अनुमान लगाया है कि ऐसे ग्रहों की संख्या तकरीबन 30 करोड़ हो सकती है ।

इस खास इक्वेशन से गणना की गई?


केप्लर साइंस ऑफिस के निदेशक जैफ कॉगलीन ने यह बताया कि 'इस सवाल के जवाब की तलाश में कि क्या हम ब्रह्मांड में अकेले हैं, हम एक कदम और पास में आ गए'

इस खास इक्वेशन का नाम है डार्क समीकरण जिससे संचार योग्य सभ्यताओं का आकलन किया जाता है।

यह डार्क समीकरण क्या है?


यह डार्क इक्वेशन एक Probabilistic Argument है। इस डार्क इक्वेशन का कार्य हमारी मिल्की वे गैलेक्सी में सक्रिय संचार करने वाली पृथ्वी के बाह्य मौजूद सभ्यताओं की संख्या का आकलन करती है।

इस डार्क इक्वेशन को एस्ट्रोबायोलॉजी के लिए रोड मैप की तरह माना जाता है।

पृथ्वी के आकार के ग्रह?


वैज्ञानिकों ने अपने मापन के लिए पृथ्वी के उन बाह्यग्रहों को खोजा है, जो पृथ्वी के ही आकार के थे और उन ग्रहों को पथरीले ग्रह होने की काफी संभावना थी।

इन सबके अलावा वैज्ञानिकों ने सूर्य के जैसे तारों पर भी नजर रखी है, जिनकी उम्र हमारे सूर्य के जैसी और तापमान उसी या उसके आसपास की तरह था।

इन सबके अलावा उन बाह्यग्रहों पर जीवन के अनुकूल होने के लिए उन ग्रहों पर तरल पानी का समर्थन करने वाले हालात है या नहीं।

इन सब कार्यों के लिए वैज्ञानिकों ने केप्लर और यूरोपीय स्पेस एजेंसी के गीगा मिशन के आंकड़ों का अध्ययन किया।

★ गीगा मिशन इसका कार्य ग्रहों के तारे कितनी उत्सर्जित करता है, उसका पता लगाना है।

★ इस अध्ययन की सह लेखिका मिशेल कुनिमोटो का कहना है कि समान तरह के ग्रह कितने अलग है। यह जानना आने वाले बाह्यग्रहों की खोज करने वाले अभियानों के लिए बहुत जरूरी है।

मिशेल कुनिमोटो का कहना है कि सूर्य जैसे तारों के जीवन की अनुकूलता के योग्य छोटे ग्रहों के लिए किए गए सर्वे के नतीजे इस तरह के अध्ययन पर निर्भर करेंगे, जिनसे उनकी सफलता की संभावनाएं बढ़ जाएगी।

अभी इस बारे में और अधिक शोध करने की जरूरत है, जिससे ग्रहों के वायुमंडल में तरल पानी (Liquid Water) के समर्थन करने वाले हालातों को अच्छी तरह से समझा जा सके।

★ इन विश्लेषणों में वैज्ञानिकों ने सूर्य जैसे तारों के ग्रह में तरल पानी (Liquid Water) होने के लिए वायुमंडल के प्रभाव का एक संकीर्ण अनुमान लगाया है।

उन ग्रहों में एक साथ पृथ्वी जैसे हालात मिलना यह एक बहुत ही बड़ा संयोग मिलता है।

वैज्ञानिकों को अभी तक कई ऐसे ग्रह मिले हैं, जहां बिल्कुल वैसे ही हालात है जो पृथ्वी पर 3 वर्ष पूर्व (पहले ) हुआ करते थे।

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