प्रस्तावना
पानी पृथ्वी पर रहने वालों के लिए सबसे महत्वपूर्ण पदार्थों
में से एक है। हम पानी के बिना अपने दैनिक जीवन का नेतृत्व नही कर
सकते। पीने के अलावा कई उद्देश्यों के लिए पानी का उपयोग दैनिक जीवन में किया जाता है।
पानी के बिना जीवन चलना अशंभव है। दुनिया में सभी जीवित
चीज़ों के लिए पानी की आवश्यकता होती है। पृथ्वी पर जल पाया जाता है इसलिए इसे ब्रह्मांड का एक अनोखा ग्रह कहा जाता है।
मनुष्य, पशुओं, पेंड़-पौधों सभी को जल की
जरूरत है। पृथ्वी के 78 प्रतिशत भाग पर महासागर पाए जाते है जिनमे नमकीन जल मिलता है परन्तु यह पीने योग्य
नही होता है।
पृथ्वी पर मौजूद कुल जल में से 2.7 प्रतिशत जल ही पीने योग्य
है।
जल की उत्पत्ति
वैज्ञानिकों का अनुमान है कि हमारी आकाशगंगा में कई क्षुद्र
ग्रह ऐसे होते है जिनमे काफी ज्यादा पानी है। यह पानी ग्रहों पर पानी की आपूर्ति
करता है जीवन को आगे बढ़ाता है।
ब्रिटेन की वॉरिक यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता रोबर्तो राडी कहते है,"हमारे शोध से पता चला है कि जिस तरह
के ज्यादा पानी वाले क्षुद्र ग्रह की बात हो रही है, वैसे शुद्र ग्रह हमारे सौरमंडल में काफी ज्यादा संख्या में पाए जाते है।" हालांकि शोधकर्ताओं के सामने सबसे बड़ा सवाल यही था कि
पृथ्वी पर पानी कहां से आया? काफी पहले पृथ्वी
बहुत सूखा और बंजर इलाका रहा होगा।
इसकी टक्कर किसी ज्यादा पानी वाले क्षुद्र ग्रह से हुई होगी
और इसके बाद उस ग्रह का पानी पृथ्वी पर आया होगा। कुछ अध्ययनों के मुताबिक पृथ्वी
पर पानी इसके जन्म से था।
जल क्या है
जल एक अणु है जो हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के परमाणुओं से
मिलकर बनता है। हाइड्रोजन के दो और ऑक्सीजन का एक परमाणु मिलकर जल जल के अणु का
निर्माण करता है।
ये परमाणु आपस मे हाइड्रोजन सहसंयोजक बंध के मिलते है। जल
का रासायनिक नाम H२O है। H२O द्रव अवस्था मे जल,ठोस अवस्था में
बर्फ़ और गैसीय अवस्था मे वाष्प कहलाता है। जल को सार्वजनिक विलायक भी कहते है।
पृथ्वी पर सम्पूर्ण जल का करीब 97 फीसदी भाग खारा है। केवल 0.6 फीसदी भाग ही पीने
योग्य जल का है। पानी का रंग नही होता है लेकिन सूर्य की रोशनी के कारण नीला दिखाई
देता है। जल गन्धहीन यौगिक है। शुद्ध जल
विद्युत का कुचालक होता है जबकि
लवणीय या गंदा जल विद्युत का सुचालक होता है।
शुद्ध जल भी कुछ हद तक विद्युत का सुचालक होता है लेकिन
उसमें मौजूद मिनरल्स के कारण। जल का PH मान 7 होता है। जल तथस्ट होता है। विद्युत अपघटन के द्वारा जल के
परमाणुओं हाइड्रोजन और ऑक्सीजन को अलग किया जा
सकता है।
जल के प्रकार
स्वाद और पीने के आधार पर जल दो प्रकार के होते है- मीठा और खारा जल।
प्राकृतिक के आधार पर भी जल दो प्रकार का होता है- सामान्य जल और भारी जल।
अवस्था के मुताबिक जल तीन प्रकार के होते है- पानी(द्रव्य),बर्फ़(ठोस) और वाष्प(गैस)।
व्यवहारिक दृष्टि से जल को तीन प्रकारों में विभाजित किया
जाता हैं
(1) संदूषित जल- संदूषित जल वह जल
है जो मानव व पशु द्वारा अपशिष्ट पदार्थ छोड़ने के कारण उपयोग में लाने योग्य नही
होता।
(2) स्वच्छ जल- ऐसा जल होता है
जो हमारे दैनिक कार्यों में प्रयुक्त होता है।
(3) प्रदूषित जल- प्रदूषित जल वह
होता है जिसमे भौतिक गुणों में कमी आ जाती है।
जल का महत्व
मनुष्य के जीवन में जल का महत्व
जल का मुख्य उपयोग पीने के लिए किया जाता है। भोजन बिना
मनुष्य 7 दिनों तक जीवित रह सकता है पर बिना जल वह 3 दिन में ही मर जाएगा।
स्वस्थ रहने के लिए एक व्यक्ति को कम से कम 2 से 3 लीटर पानी पीना चाहिए।
स्वस्थ रहने के लिए जल का महत्व
मनुष्य के शरीर में 65 से 80 प्रतिशत तक जल पाया जाता है। रक्त में 7 प्रतिशत जल होता है।
स्वस्थ रहने के लिए हमें साफ और शुद्ध जल का सेवन करना चाहिए।
जीव-जंतुओं तथा पेंड़-पौधों के लिए जल का महत्व
पशु-पक्षियों और अन्य जीवों को भी प्यास लगती है। जल एक
ऐसी चीज है जिसके बिना कोई जीवित नही रह सकता है। पशु-पक्षियों को भी अगर जल नही
मिला तो उसकी भी मृत्यु हो जाएगी।
पेंड़-पौधों को भी जल की आवश्यकता होती है। पौधें अपनी जड़ों
से जल ग्रहण करते है और सभी शाखाओं और
पत्तियों तक जल पहुंचा देता है। पेंड़-पौधें के तने में जल
एकत्रित होता है।
पानी न मिलने पर पेंड़-पौधें मुरझा जाते है और शीघ्र ही सूख जाते हैं।
जल संरक्षण के उपाय
जल एक किमती संसाधन है। इसे व्यर्थ में बर्बाद नही करना
चाहिए। भारत मे उपलब्ध जल संसाधन की दृष्टि से आंकलन करे तो यह बात सामने आती है
कि 2001 में प्रति
व्यक्ति 1800 क्यूबिक मीटर
पानी उपलब्ध था, जो 2050 ईसवीं में घटकर 1000 क्यूबिक मीटर हो जाएगा।
इसलिए जल को संरक्षित करना अनिवार्य है,जो इस प्रकार है-
1. वर्षा के पानी को हार्वेस्ट करना
2. हर नागरिक में जल संरक्षण हेतु जागरूकता लानी होगी
3. सेविंग करते समय नल बंद
रखें
4. नहाते समय बाल्टी की जगह मग का उपयोग करें
5. बर्तन धोते समय नल की जगह बाल्टी के साथ मग का उपयोग करें।
आप सब का अनोखा ज्ञान पे बहुत बहुत स्वागत है.